Rajasthan: राजस्थान में इन दिनों कांग्रेस के दो नेताओं की नजदीकियों को लेकर जबरदस्त तरीके से राजनीति का बाजार गर्म है. 9 नवंबर के बाद हरीश चौधरी लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मुखर हो रहे हैं और इसी बात से हरीश चौधरी की सचिन पायलट के साथ नजदीकी बढ़ने की चर्चा है. जब भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में थी तब राहुल गांधी के साथ लगातार दोनों नेता एक साथ एक ही फ्रेम में नजर आते थे और जब आखिर में गांधी की यात्रा जब हरियाणा में प्रवेश कर रही थी. इसी दौरान राहुल गांधी ने हरीश चौधरी की जमकर तारीफ भी की थी. अब दोनों नेता राजस्थान से जुड़े मसलों की सभी बैठकों में पास-पास बैठकर खुले मंच पर एक दूसरे से चर्चा करते भी नजर आ रहे हैं.
गहलोत सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान हरीश चौधरी ने पंजाब प्रभारी के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद मंत्री की कुर्सी छोड़ दी थी, लेकिन पंजाब में कांग्रेस की बुरी तरीके की हार के बाद हरीश चौधरी राजस्थान की राजनीति में हाशिए पर चले गए थे. लेकिन हरीश चौधरी को एक मौके की तलाश थी वो मौका था, 9 नवंबर को कैबिनेट की बैठक में ओबीसी आरक्षण संशोधन को डफर कर दिया गया. उसी दिन के बाद हरीश चौधरी अशोक गहलोत के खिलाफ लगातार मुखर होते गए और इसी बात ने हरीश चौधरी की सचिन पायलट के साथ नज़दीकियां एकाएक बढ़ा दी.
जैसे ही राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी के तौर पर रंधावा का नाम आया. इसी बात ने हरीश चौधरी की और अहमियत बढ़ा दी. क्योंकि, हरीश चौधरी वर्तमान में पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी है, रंधावा से उनकी पुरानी दोस्ती है. इसीलिए, तो देखिए जब रंधावा पहली बार प्रभारी के तौर पर कांग्रेस विधायक और संगठनों की बैठक लेने के लिए आते हैं तो हरीश चौधरी के साथ राजस्थान में एंट्री करते हैं.
पिछले 2 महीनों से जितनी भी कांग्रेस संगठन से जुड़ी बैठकें राजस्थान में हुई है. उसमें हरीश चौधरी और सचिन पायलट दोनों एक दूसरे के पास बैठे नजर आए हैं. कल कांग्रेस के अधिवेशन के दौरान तो खुले मंच से हरीश चौधरी और सचिन पायलट लगातार गुफ्तगू करते नजर आए.
भारत जोड़ो यात्रा के बाद हरीश चौधरी की दिल्ली में पकड़ दिन-ब-दिन मजबूत होती जा रही है, तभी तो वह संगठन महासचिव वेणुगोपाल के टोकने के बाद भी लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण संशोधन को लेकर अशोक गहलोत पर बड़ा निशाना साधा था और उसके बाद हाल ही में हनुमान बेनीवाल की पार्टी को लेकर भी अशोक गहलोत पर बड़ा गंभीर आरोप चौधरी ने लगाया है.
कौन है हरीश चौधरी
हरीश चौधरी छात्र पॉलिटिक्स के दौरान एनएसयूआई से जुड़े रहे हैं. उसके बाद युवा मोर्चा के साथ बड़ी जिम्मेदारी निभाई. बाड़मेर जैसलमेर से सांसद चुने जाने के बाद भारतीय कांग्रेस में संगठन में सचिव की जिम्मेदारी निभाते हुए पंजाब का कामकाज देखा. उसके बाद लोकसभा का चुनाव हार गए थे. 2018 में बायतु से विधानसभा चुनाव जीते. गहलोत सरकार की कैबिनेट में बतौर राजस्व मंत्री शपथ ली. लेकिन पंजाब के प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी मिलने के बाद कैबिनेट पद से इस्तीफा दे दिया था.
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