नेता प्रतिपक्ष के लिए राजेंद्र राठौड़ के नाम पर मुहर लगाएगी बीजेपी! उन्होंने बताई अपने मन की बात, जानें

Vijay Chauhan

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Rajasthan News: राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को नेता प्रतिपक्ष बनाये जाने को लेकर चर्चाएं चल रही हैं. इन अटकलों पर राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के लिए हमारा पार्लियामेंट्री बोर्ड बैठकर तय करेगा. मुझे आज तक पार्टी ने अलग-अलग समय पर अलग-अलग जिम्मेदारी दी है. संगठन की जिम्मेदारी दी, मुझे मंत्री के रूप में भी तीन बार पार्टी ने काम करने का मौका दिया. मुझे पार्टी जिस भी भूमिका में काम में लेगी उस भूमिका के लिए तैयार हूं. मेरा किसी चीज के लिए दावा नहीं है कि मैं ही सबसे योग्य हूं, पर पार्टी जहां काम में लेगी वहां काम करूंगा.

गौरतलब है कि राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया है. इसके बाद से यह पद खाली चल रहा है. इसके दावेदारों में कई नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं लेकिन सबसे मजबूत स्थिति बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ की बताई जा रही है.

असदुद्दीन ओवैसी के राजस्थान दौरे पर राठौड़ ने कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान में अपनी जड़ों को तलाश करने में लगी है. सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़कर ओवेसी ने हमेशा चुनाव के अंदर अपनी कामयाबी ढूंढने की कोशिश की है. उत्तर प्रदेश में पूर्णत विफल हो गए, अब राजस्थान में अपनी जड़ों को तलाश कर रहे हैं. राजस्थान में भी कट्टरपंथी लोगों से संपर्क कर रहे हैं. मैं समझता हूं कि इनको कामयाबी नहीं मिलेगी क्योंकि गंगा-जमुना संस्कृति राजस्थान का श्रृंगार है.

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राठौड़ ने महेश शर्मा के इस्तीफे को बताया कांग्रेस की अंतर्कलह
राजस्थान विधानसभा में मुख्य सचेतक पद से महेश जोशी के इस्तीफा देने पर बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि देखिए यह सरकार अंतर्द्वंद से प्रारंभ हुई थी. इसका अंत भी अंतर्द्वंद से ही होगा. सरकार को चुनौती सरकार के अंदर बैठे लोगों ने दी है. महेश जोशी के 2 पदों में से 1 पद लेकर उन्होंने अनुशासन का संदेश देने की कोशिश की है जिसमें वह कामयाब नहीं हो पाएंगे. आज भी खुद जब सचिन पायलट सवाल खड़ा कर देते हैं कि तिजोरी में बंद पेपर को कौन निकाल कर ले गया. पेपर माफियाओं को सरपरस्ती किसकी है. अगर उनकी बातों का जवाब दे दें तो ज्यादा ठीक है.

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राठौड़ ने चुरू के राजनीतिक माहौल पर बात करते हुए कहा कि कहा कि चूरू के अंदर हार में ये रिकॉर्ड बना चुके हैं. पिछले 35 वर्षों में एक बार जीते हैं और उसके बाद भी रस्सी का बल नहीं जा रहा. अभी भी होड़ लगा रखी है कि मैं नेता बड़ा लेकिन जब चूरू के 106 गांव में ये लोग रुख करेंगे तो पता लगेगा जनता इनका स्वागत कैसे करती है. मैं आज दावा कर रहा हूं कि सरकार के पांचवे बजट के बाद इस जिले के अंदर कांग्रेस का खाता नहीं खुलेगा.

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