लोकसभा चुनाव लड़ रहे इन विधायकों ने फेरा बीजेपी के अरमानों पर पानी! कांग्रेस की हो गई बल्ले-बल्ले?
राजस्थान में इस बार 7 विधायक हैं जो लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. इन सीटों पर बीजेपी के लिए मुश्किल भी पैदा हो गई है.
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राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर इस बार मुकाबला कड़ा नजर आ रहा है. हॉट सीट बाड़मेर-जैसलमेर पर निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) ने सियासी पारा बढ़ा दिया. लेकिन एक यही सीट नहीं है, जहां बीजेपी (BJP) को कड़ी टक्कर मिल रही है. दरअसल, इस बार 7 विधायक हैं जो लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. इन सीटों पर बीजेपी के लिए मुश्किल इसलिए भी पैदा हो गई है क्योंकि निर्दलीय प्रत्याशी, कांग्रेस विधायक के अलावा इंडिया गठबंधन के कई उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है.
इससे पहले साल 2004 से लेकर 2019 तक कई विधायकों ने देश की संसद में जाने का सपना देखा था. लेकिन इन 15 सालों में महज 10 विधायक ही संसद पहुंच पाए थे. अब देखने वाली बात होगी कि 4 जून के नतीजों के बाद कौन - कौनसे वो विधायक होंगे जो चुनाव जीतकर देश की संसद में पहुंच पाते हैं.
बता दें कि भाटी के अलावा कांग्रेस विधायक हरीश मीणा को टोंक-सवाई माधोपुर, अलवर से ललित यादव, बृजेंद्र ओला को झुंझनू और दौसा विधायक मुरारीलाल मीणा, नागौर से हनुमान बेनीवाल और बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र से बीएपी के विधायक राजकुमार रोत चुनावी मैदान में हैं.
वागड़ में कांग्रेस के बागी के सहारे बीजेपी?
दक्षिण राजस्थान की चर्चित सीट बांसवाड़ा-डूंगरपुर पर बाप पार्टी प्रत्याशी राजकुमार रोत ने भी कांग्रेस के बागी और बीजेपी उम्मीदवार महेंद्रजीत सिंह मालवीया को चुनौती दी. कांग्रेस का फॉर्मूला काम करता नहीं दिखा और यहां बीजेपी को मामूली बढ़त दिखाई पड़ रही है.
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इसी तरह से भीलवाड़ा में सीपी जोशी जितनी उम्मीद के साथ मैदान में उतरे थे, ब्राह्मणों का समर्थन उनके पक्ष में उस कदर नहीं दिखा. वहीं, कोटा में बीजेपी उम्मीदवार ओम बिरला कांग्रेस के प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल पर बढ़त लेते नजर आ रहे हैं.
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