Barmer: रविंद्र भाटी के लिए मांग की गई Z+ सुरक्षा पर मिली 2 PSO सिक्योरिटी, क्या है दोनों में फर्क?

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Barmer: रविंद्र भाटी के लिए मांग की गई Z+ सुरक्षा पर मिली 2 PSO सिक्योरिटी, क्या है दोनों में फर्क?
Barmer: रविंद्र भाटी के लिए मांग की गई Z+ सुरक्षा पर मिली 2 PSO सिक्योरिटी, क्या है दोनों में फर्क?
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Barmer: शिव विधायक और बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अब उनकी सुरक्षा में 2 PSO तैनात होंगे. हालांकि राजपूत समाज उनको जेड प्लस सुरक्षा देने की मांग कर रहा था. भाटी को सोशल मीडिया के जरिए जान से मारने की धमकियां जी जा रही थी. जिसके बाद से राजपूत समाज के लोगों ने सरकार से भाटी को जेड प्लस सुरक्षा की मांग की थी.  इसे देखते हुए बाड़मेर एसपी ने आदेश जारी करते हुए भाटी की सुरक्षा में एक अतिरिक्त PSO लगा दिया है. भाटी को यह सुरक्षा लोकसभा चुनाव प्रक्रिया पूरे होने तक मिलेगी. इनमें एक पीएसओ वर्दी में दूसरा पीएसओ सादा वर्दी में तैनात है. 

भाटी को मिली थी जान से मारने की धमकी

बाड़मेर में 26 अप्रैल को मतदान संपन्न हुए. इस दौरान बाड़मेर लोकसभा के कई बूथों पर हिंसा की खबरे आई थी. इस दौरान पुलिस ने कुछ भाटी समर्थकों को गिरफ्तार किया था जिसके बाद चुनाव के बाद भाटी ने बालोतरा एसपी दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान भाटी को सोशल मीडिया के जरिए जान से मारने की धमकी दी गई. 

पुलिस ने धमकी देने वाले को किया गिरफ्तार

रविंद्र सिंह भाटी को सोशल मीडिया पर धमकी देने के मामले में पुलिस ने मैसेज भेजने वाले व्यक्ति मगाराम निवासी सारणों का तला, आडेल थाना रागेश्वरी को गिरफ्तार कर लिया है. जिला पुलिस ने आमजन से अपील की है कि सोशल मीडिया पर भ्रामक या गलत एवं आपसी सौहार्द बिगाड़ने जैसी टिप्पणी करने से बचे, अन्यथा कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी.रविंद्र सिंह भाटी को फेसबुक पर गैंगस्टर रोहित गोदारा कपूरीसर के नाम से धमकी भरी पोस्ट की गई थी. 

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क्या होती है 2 PSO सिक्योरिटी

विधायक को एक PSO सिक्योरिटी मिलती है. वहीं रविंद्र सिंह भाटी को धमकी मिलने के बाद बाड़मेर एसपी ने उन्हें 2 PSO (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) की सुरक्षा दी है. उनके साथ राजस्थान पुलिस के दो जवान सुरक्षा प्रदान करेंगे. इनमें एक जवान सादा वर्दी में तो दूसरा जवान वर्दी में सुरक्षा प्रदान करेगा. 

क्या होती है जेड प्लस सुरक्षा

"जेड प्लस सुरक्षा" एक उच्च सुरक्षा स्तर होता है .जो विशेषतः विशेष व्यक्तियों या नेताओं को प्रदान किया जाता है. यह सुरक्षा स्तर उन व्यक्तियों को संरक्षण प्रदान करता है जो किसी विशेष संकट का सामना कर सकते हैं, जैसे राजनैतिक खतरे, आतंकवादी हमले, या अन्य धार्मिक या सामाजिक विवाद. जेड प्लस सुरक्षा में करीब 10 एनएसजी कमांडो और 55 पुलिस कर्मी जवान तैनात होते हैं. ये उस व्यक्ति की 24 घंटे कड़ी सुरक्षा करते हैं. जेड प्लस में तैनात सुरक्षाकर्मियों के पास आधुनिक हथियार होते हैं, जो हर किसी परिस्थिति से लड़ने के लिए सक्षम होते हैं.

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क्या थी गोगामेड़ी की त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था

राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या हो गई थी. हालांकि उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए सरकार से कई बार गुहार लगाई थी. लेकिन सरकार से उन्हें कोई सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई थी. जिसके बाद उन्हें खुद के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा रखी थी. जिसमें उनकी सुरक्षा के लिए 6 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते थे. 

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