'जो भी इससे संबंध रखेगा उसका हुक्का पानी बंद', नागौर में पंचों का तुगलकी फरमान, पीड़िता ने कलेक्टर से लगाई गुहार
Nagaur: नागौर में रास्ते के विवाद के चलते गांव के पंचों ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया. जो भी व्यक्ति इसके घर और इनसे मिलेंगे और बोलेंगे या उनसे व्यवहार करेंगे उसको समाज में बैठने के लिए 51 हजार रुपए का अर्थदंड देना होगा. जिसके कारण पूरा गांव में इस परिवार का जीना दुश्वार हो गया.
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Nagaur: नागौर में रास्ते के विवाद के चलते गांव के पंचों ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया. जो भी व्यक्ति इसके घर और इनसे मिलेंगे और बोलेंगे या उनसे व्यवहार करेंगे उसको समाज में बैठने के लिए 51 हजार रुपए का अर्थदंड देना होगा. जिसके कारण पूरा गांव में इस परिवार का जीना दुश्वार हो गया. इतना ही नहीं आरोपियों ने पूरे गांव में एक युवक के द्वारा तुगलकी फरमान भी जारी करवा दिया. तुगलकी फरमान का वीडियो भी आरोपियों ने वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करवा दिया. जिसके कारण उनको गांव के लोग राशन और पानी भी देना बंद कर दिया. पीड़ित परिवार ने शुक्रवार को नागौर जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित से न्याय की गुहार लगाई है.
यह हैं पूरा मामला
मामला नागौर जिले के जायल उपखंड के रोल थाना इलाके के छावटा खुर्द गांव का है. छावटा खुर्द निवासी रिद्धकरण पुत्र पूसाराम जाति जाट को गांव के पंचों ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया. इस फरमान को पूरे गांव में फैलाने को कह दिया. पीड़ित युवक ने रास्ते देने का पंचायत में विरोध किया. जिसके कारण पांचों ने यह फरमान जारी कर दिया.
पीड़िता ने बताई पूरी कहानी
पीड़ित ने राजस्थान तक से बातचीत करते हुए बताया कि 'मेरे खेत में आरोपी जबरदस्ती से रास्ता लेने के लिए मेरे ऊपर दबाव बना रहे थे लेकिन मेरे द्वारा रास्ता देने से इनकार करने पर उन लोगों ने कोर्ट में एप्लीकेशन दे दी, जिसके बाद तहसीलदार और आरआई मौके पर पहुंचे लेकिन फिर मैंने भी मना कर दिया. मैं मेरे रहवासी घर में रास्ता नहीं दे सकता हूं. जिसके कारण उन लोगों ने मेरे ऊपर दबाव बनाया और मुझे जायल लेकर गए और स्टांप पेपर के ऊपर मेरे साइन करवा लिए और 1,35000 रुपए देते का वीडियो भी बना लिया. एक बार रुपए दिए वापस भी ले लिए. उसके बाद मेरे को पता नहीं था लेकिन उन लोगों ने वहां से दीवार मेरे रहवासी मकान की दीवार भी तोड़नी शुरू कर दी और जबरदस्ती रास्ता निकालना शुरू कर दिया.'
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थाने में दर्ज करवाया मुकदमा तो बुलाई पंचायत
पीड़ित ने बताया जब मैंने विरोध किया और मैंने रोल थाने में मुकदमा भी दर्ज करवाया. जिसके बाद आरोपियों ने पंचायत बुलाई और पंचायत में कहा कि यह मुकदमा वापस ले ले और राजीनामा कर ले लेकिन जब मैंने राजीनामा करने से इनकार किया तो लोगों गांव के पंचों ने मिलकर मेरा हुका पानी भी बंद कर दिया. एक व्यक्ति को बुलाकर गांव के चौराहे पर समाज से बहिष्कृत करने का फरमान जारी करवा दिया. कहा कि कोई भी जाति का व्यक्ति मेरे और मेरे परिवार वालों से बात करेगा सामाजिक मौत या गमी में शामिल नहीं होगा. विवाह इत्यादि उत्सव में जो मेरे परिवार को शामिल करेगा और जो मेरे परिवार से व्यवहार करेगा उसको सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाएगा. जिसके कारण गांव के छोटे व्यापारियों ने राशन और पानी के टैंकर मेरे घर भेजने भी बंद कर दिए. जिसके कारण हमारा गांव में जीना दुश्वार हो गया है .
एसपी ने दिया ये बयान
जिला पुलिस अधीक्षक नागौर ने कहा कि इस तरीके का प्रकरण मेरे पास कल पहुंचा था और मैने आरोपियों को पाबंद करवाने के निर्देश दे दिए. तुगलकी फरमान जारी करने का वीडियो सामने आया है. जो फरमान जारी कर रहा हैं उसके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जाएगी. ऐसा फरमान जारी करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है. पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलवाया जाएगा. जिन लोगो ने ऐसा किया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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