Bharatpur: कांग्रेस के डिप्टी मेयर बसपा में हुए शामिल, कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने का किया ऐलान

Suresh Foujdar

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Rebellion started in Rajasthan Congress : Bharatpur में भी कांग्रेस में बगावत.(फोटो: सुरेश फौजदार)
Rebellion started in Rajasthan Congress : Bharatpur में भी कांग्रेस में बगावत.(फोटो: सुरेश फौजदार)
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Rebellion started in Rajasthan Congress: राजस्थान (rajasthan news) में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) होने वाले हैं, लेकिन उससे पहले ही भाजपा (rajasthan BJP) में बगावत सामने आई है. इधर उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने से पहले ही कांग्रेस (rajasthan congress) में भी बगावत के सुर दिखने लगे हैं. भरतपुर (bharatpur assembly) से कांग्रेस के डिप्टी मेयर गिरीश चौधरी ने कांग्रेस छोड़कर बसपा ज्वाइन कर लिया है. गिरीश पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष और दो बार नदबई से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं.

यही नहीं उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ BSP के टिकट से भरतपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस और लोकदल का गठबंधन हो गया था. इस बार भी होने जा रहा है. ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ता कहां जाएं?

इन सीटों पर बसपा का जनाधार- BSP प्रदेश अध्यक्ष

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह ने कहा कि इस बार 60 सीटों को चिन्हित किया गया है, जिनमें धौलपुर, करौली, भरतपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, अलवर, सीकर, झुंझुनू, चूरू और हनुमानगढ़ सीट है. वहां पर बसपा का जनाधार हमेशा मजबूत रहा है.

हमें कांग्रेस ने दिया है आघात- भगवान सिंह

भगवान सिंह ने कहा कि हम लोगों ने कांग्रेस को बहुत बड़ा आघात दिया है. एक बहुत ही चर्चित व्यक्तित्व बहुजन समाज पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं. इससे पूर्वी संभाग में विशेष रूप से हमें फायदा मिलेगा. गिरीश चौधरी भरतपुर से चुनाव लड़ेंगे. पिछली बार 6 विधायक पार्टी छोड़कर गए थे उन्होंने हमको धोखा दिया था.

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यहां हाथ का पंजा सिंबल ही नहीं रहा

कांग्रेस को छोड़कर बसपा ज्वाइन करने वाले गिरीश चौधरी का कहना है कि 10 साल तक वो प्रदेश कांग्रेस कमेटी का सदस्य रहे. कांग्रेस ने उन्हें दो बार में विधानसभा से प्रत्याशी बनाया और कांग्रेस का पूरा सपोर्ट मिला. भरतपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के हाथ के पंजे का सिंबल नहीं आ रहा. जब हाथ का सिंबल ही नहीं आ रहा तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का आगे भविष्य ही क्या होगा. जब कार्यकर्ताओं का कोई भविष्य ही नहीं है तो कोई ना कोई रास्ता जनता की सेवा के लिए निकालना पड़ता है.

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