Jaipur में है दुनिया का सबसे टॉप होटल, एक रात का किराया लाखों रुपए, जानें इसके बारे में सबकुछ

बृजेश उपाध्याय

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PM Modi and French President emmanuel macron Jaipur Visit: देश में 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि होंगे. इसलिए वे दो दिन के दौरे पर भारत आ रहे हैं. गुरुवार को मैकों राजस्थान की राजधानी जयपुर में रॉयल हेरिटेज का फील लेने के लिए पहुंच रहे हैं. यहां वे आमेर फोर्ट में की नक्काशी, स्थापत्य कला और आरावली की पहाड़ियों से घिरे उस प्राचीर के वैभव को निहारेंगे.

जंतर-मंतर में पीएम मोदी उनकी अगवानी करेंगे. यहां से वे रोड शो करेंगे और वापस हवा महल पहुंचकर वहां चाय पीएंगे. फोटो सेशन होगा. इसके बाद पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के साथ मैक्रों होटल रामबाग पैलेस (Hotel rambagh palace) जाएंगे. जानकारी के मुताबिक यहां वे पीएम मोदी के साथ डिनर पर सामरिक और व्यापारिक समेत कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

रामबाग होटल को ही क्यों चुना गया?

(PM Modi and emmanuel macron in hotel Rambagh palce) सवाल ये है कि करीब 47 एकड़ में फैले होटल रामबाग को ही क्यों चुना गया. ‘जयपुर का गहना’ यानी ज्वैल ऑफ जयपुर के नाम से भी मशहूर होटल रामबाग ताज ग्रुप का हेरिटेज होटल है. ये प्रॉपर्टी जयपुर के पूर्व राजशाही परिवार की है. इसका निर्माण वर्ष 1835 में किया गया था. इसका बेहतरीन ऑर्टिटेक्चर सहसा लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है. 1925 में इसे जयपुर के राजा सवाई मानसिंह द्वितीय और महारानी गायत्री देवी का आवास बनाया गया. यहीं दुनिया की खूबसूरत महिलाओं में शुमार गायत्री देवी रहा करती थीं. आज भी महाराजा और महारानी के कक्ष को महाराजा और महारानी सुईट के नाम पर संभाल कर रखा गया है. इन कमरों में रुकने वाले मेहमानों को राजे-महाराजे की लाइफ स्टाइल से रूबरू होने का मौका मिलता है.

तस्वीर: ताज होटल्स की वेबसाइट से.

कभी यहां था जंगल, घूमते थे हिरण और तेंदुए

वरिष्ठ पत्रकार और जयपुर के इतिहास के जानकार जितेंद्र शेखावत बताते हैं, जयपुर की चारदीवारी से बाहर ये इलाका जयपुर का फेफड़ा था. ये काफी स्वच्छ था और यहां कई प्रकार के फलों के पेड़ थे. ये बहुत स्वच्छ हवा देता था. इस बाग को केसर बढ़ारन को दे दिया गया. केसर महाराजा सवाई रामसिंह द्वितीय की देखभाल करने वाली सेविका थीं. इसलिए इसे केसर बढ़ारन का बाग या केसर का बाग कहा जाने लगा. नि:संतान केसर की मृत्यु के बाद सवाई रामसिंह द्वितीय ने इस बागीचे में 4 कमरों वाला एक घर बनाया गया. फिर इसका नाम अपने नाम पर राम बाग रख दिया. वर्ष 1888 तक ये राजा रहे. ये कमरे गेस्ट हाउस के तौर पर इस्तेमाल होते रहे.

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तस्वीर: ताज होटल्स की वेबसाइट से.

ऐसे बना यहां महल

(History of hotel rambagh jaipur) बात तब की है जब जयपुर के महाराजा थे माधोसिंह. उनके निजी सलाहकार थे आर्किटेक्ट स्विंटन जैकब. तब रामबाग को शिकारगाह के साथ गेस्ट हाउस के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था. स्विंटन को ये स्थान पसंद आ गया और उन्होंने महाराजा को एक शानदार गेस्ट हाउस देने के लिए उसकी डिजाइन पर खूब खर्च किया. आखिरकार जो डिजाइन तैयार हुई उसमें नक्काशीदार मार्बल वाली जाली, कंगूरे वाले मेहराब, मार्बल के स्तंभ, छतरियां, बारामदे और भीतर मुगल शैली में बाग बनाया गया. 26 आलीशान कमरों के साथ इस गेस्ट हाउस को और रौनक दे दी.

तस्वीर: ताज होटल्स की वेबसाइट से.

गेस्ट हाउस को महल में ऐसे किया तब्दील

महाराजा माधोसिंह की मृत्यु के बाद राजा बने सवाई मानसिंह द्वितीय. इन्होंने वर्ष 1925 में लाखों रुपए खर्च कर इसे रामबाग पैलेस में तब्दील कर महाराजा मानसिंह द्वितीय और महारानी गायत्री देवी ने अपना निवास स्थान बनाया. बाद में गायत्री देवी ने इसके पास ही अपने लिए लिली पुल बनावा और बाद में वहां रहने लगीं. रामबाग पैलेस में ही 21 अक्टूबर 1931 में भवानी सिंह का जन्म हुआ था. जयपुर राजघराने के 100 साल के इतिहास में पहली बार किसी राजा का अपना लड़का पैदा हुआ. बाकी राज परंपरा गोद लेकर चलती रही. सवाई मानसिंह को इतनी खुशी मिली कि लोगों के लिए ये महल खोल दिया और बोले कि जिसको जो ले जाना हो ले जाए.  आजादी के बाद वर्ष 1972 में इसे होटल में तब्दील कर इसका मैनेजमेंट ताज ग्रुप को दे दिया गया. उसके बाद से इस होटल में पुरानी परंपराओं के साथ नएपन को बड़ी बारीकी से संजोकर रखा गया. यहां का स्विमिंग पूल ढका हुआ उस समय का यूनीक है. राज ने यहां पेरिस से फव्वारा लगाकर लगवाया था.

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ट्रिप एडवाइजर ने बताया इसे दुनिया में टॉप

गत वर्ष मई में ट्रेवल कंपनी ट्रिप एडवाइजर ने दुनिया भर के टॉप-25 होटल्स की लिस्ट जारी की थी जिसमें जयपुर का ये होटल नंबर वन पर था. इससे पहले भी ये होटल कई खिताब जीत चुका है. लिस्ट जारी होने से पहले साल भर के पर्यटकों के फीडबैक और क्रिटिक्स की राय के आधार पर इसे नंबर वन चुना गया.

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तस्वीर: ताज होटल्स की वेबसाइट से.

क्या है इसमें खास

(detail of hotel rambagh taj group) इसमें रॉयल सुईट, ग्रैंड रॉयल सुईट और ग्रैंड प्रेसिडेंशियल सुईट हैं. रॉयल सुईट में आपको राजस्थान का रॉयल फील मिलेगा. ग्रैंड रॉयल सुईट में राजमाता गायत्री देवी सुईट, महारानी सुईट और प्रिंस सुईट हैं. ये आपको ग्रैंड रॉयल फीलिंग देंगे. ग्रैंड प्रेसिडेंशियल सुईट में सूर्यवंशी सुईट और सुखनिवास सुईट हैं जिन्हें सिंगल बेडरूम की बजाय 4 बेडरूम तक बदला जा सकता है. ये 1800 वर्गफीट में है. यहां किराया एक रात के लिए 65 हजार से लेकर 10 लाख के करीब है. ये किराया बदलता रहता है. यहां सुवर्ण महल में राजस्थान के साथ कई राज्यों के खास व्यंजन परोसे जाते हैं. यहां पोलो बार है जहां ड्रिंक का लुत्फ सैलानी ले सकते हैं. यहां राजपूत कमरा है जहां गेस्ट कभी भी खाना खा सकते हैं.

जवाहर लाल नेहरू, पटेल और अमिताभ बच्चन भी इसके मुरीद

बॉलीवुड शहंशाह अमिताभ बच्चन और सचिन तेंदुलकर इस होटल के मुरीद हैं. इस होटल ने लॉर्ड लुइस माउंटबेटन, प्रिंस चार्ल्स और जैकलीन कैनेडी जैसे बड़े मेहमानों की भी मेजबानी की है. यहां रॉयल गेस्ट के अलावा रॉयल वेडिंग भी होती है.  यहां करोड़ों रुपए वाली शादी के आयोजन भी हो चुके हैं. इस महल में 1948 में जयपुर में कांग्रेस के अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू आए थे. उस समय इसी रामबाग पैलेस में ठहरे थे. 29 मार्च 1949 को सरदार पटेल राजस्थान का गठन करने आए थे तब वे रामबाग में रुके थे. बड़े-बड़े राजे महाराजे जो भी यहां आए वे रामबाग में रुके.

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