कायमाबी मिलते ही पिता को भूल गए बेटे, अब कोर्ट ने पुत्रों को सुनाई ऐसी सजा, हर कोई कर रहा तारीफ
Jaipur: जयपुर के शास्त्री नगर के रहने वाले बुजुर्ग गोपाल लाल ने वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण व कल्याण अधिनियम के तहत एसडीएम कोर्ट जयपुर शहर उत्तर में प्रार्थना पत्र दिया था.
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![कायमाबी मिलते ही पिता को भूल गए बेटे, अब कोर्ट ने पुत्रों को सुनाई ऐसी सजा, हर कोई कर रहा तारीफ कायमाबी मिलते ही पिता को भूल गए बेटे, अब कोर्ट ने पुत्रों को सुनाई ऐसी सजा, हर कोई कर रहा तारीफ](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/rjtak/images/story/202401/court-768x432.jpg?size=948:533)
Jaipur: एक पिता जिसने दिहाड़ी मजदूरी कर अपने चार बेटों को पढ़ाया और उन्हें रोजगार के काबिल के काबिल बनाया. यही नहीं उनकी शादियां कर उनका घर भी बसाया लेकिन जब बेटों की फर्ज निभाने की बारी आई तो बुजुर्ग पिता को ठुकरा दिया. चारों बेटों ने अपने दायित्व का निर्वहन नहीं किया तो मजदूर से मजबूर बने बुजुर्ग पिता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो अदालत ने चारों बेटों को उम्रभर पिता को एक वक्त का नाश्ता और दो वक्त की रोटी खिलाने का फैसला सुनाया हैं.
जयपुर के शास्त्री नगर के रहने वाले बुजुर्ग गोपाल लाल ने वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण व कल्याण अधिनियम के तहत एसडीएम कोर्ट जयपुर शहर उत्तर में प्रार्थना पत्र दिया था. जिसमें पिता ने लिखा कि चारों बेटे उनका भरण पोषण नहीं कर रहें हैं और उससे मारपीट करते हैं, यही नहीं जमा पूंजी भी हड़प ली है, जिसके बाद उनके पास अब कोई साधन नहीं है. इसलिए उसे बेटों से उसके घर का कब्जा हटाकर उसको संभलाया जाए और भरण पोषण राशि दिलवाई जाए. इसके जवाब में कोर्ट में बेटों ने कहां कि वे पिता का खाने-पीने सहित चिकित्सा और अन्य खर्च उठाने को तैयार हैं लेकिन उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं. उलटे पिता को जो वृद्धवस्था पेंशन मिलती है उससे शराब पीकर घर में हुड़दंग मचाते हैं.
हर महीने बेटें देंगे 2000 रुपए
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जिसके बाद कोर्ट ने भरण पोषण से जुड़े मामले में गोपाल लाल के बेटे मनमोहन, चंद्रमोहन, हरिमोहन और रविमोहन को पाबंद करते हुए कहा कि वे उम्र भर अपने पिता को पौष्टिक भोजन करवाएंगे. यही नहीं बीमार पड़ने पर चिकित्सा सेवाएं भी देंगे. इसके अलावा अन्य खर्च के लिए हर माह 2000 रुपए और देंगे, जिसमें हर एक बेटा 500 रुपए देंगे. इसकी जिम्मेदारी एसडीएम कोर्ट ने भट्टा बस्ती थानेदार को दी है, साथ ही कोर्ट ने प्रार्थी पिता को भी पाबंद किया है कि वह शराब पीकर घर में कोई गलत आचरण नहीं करें.
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