यहां के लड़कों से कोई नहीं करना चाहता शादी, वजह जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

विमल भाटिया

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Boys are not able to get married in villages in desert: राजस्थान (rajasthan news) के जैसलमेर-बाड़मेर में ऐसे कई गांव है, जहां एक श्राप सा लगा हुआ है. श्राप ऐसा कि लड़कों का घर नहीं बस रहा और यहां कई परिवारों में वंश नहीं बढ़ पा रहा. ये श्राप अब इस गांव की परेशानी नहीं, बल्कि त्रासदी बन चुकी है. लड़कों की शादी नहीं हो पा रही है. यह कोई आम समस्या नहीं, बल्कि इस गांव के लिए त्रासदी की तरह है. जिसने यहां के लोगों को परेशान कर दिया है.

इन दो जिलों में सीमावर्ती इलाके के आसपास फैले 3 हजार 162 किमी क्षेत्र में कुछ ऐसा ही मामला है. डेजर्ट (desert) नेशनल पार्क की जद में आने वाले दर्जनों गांव-ढांणियों में बड़ी मुश्किल से युवाओं को लड़की मिल पाती है. इसके चलते इन क्षेत्रों में कुंवारों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही हैं. इस त्रासदी के पीछे सबसे बड़ी वजह डेजर्ट नेशनल पार्क होने का ठप्पा लगा होना है.

थार रेगिस्तान में यहां का विकास पूरी तरह ठप्प पड़ा है. वाइल्डलाइफ सेंचुरी और नेशनल पार्क में सुप्रीम कोर्ट की बनी हुई गाइडलाइंस के चलते ऐसे क्षेत्रों में विकास कार्यों की अनुमति नही मिल पाती है. यहां न तो संचार सुविधा है और ना ही सड़क या अन्य सुविधाएं. कही सड़क टूटी-फूटी है तो पेयजल के स्त्रोत भी आधे-अधूरे. सरकारी संस्थानों में टीचर और स्वास्थ्यकर्मी भी यहां टिकते नहीं.

क्या कहते हैं यहां के युवा?

यहां के रहने वाले युवा गिरधर सिंह बताते हैं कि यहां पर कोई टीचर नहीं लगना चाहता. कोई नर्स नहीं लगना चाहती, क्योंकि किसी भी कंपनी का कोई सिग्नल नहीं है. किसी भी सरकारी कर्मचारी का यहां पर पोस्टिंग करने पर यहां से अपना ट्रांसफर करवा देते हैं. वहीं, गांव के एक निवासी लक्ष्मण सिंह का भी कहना है कि डेजर्ट नेशनल पार्क में आने वाले दर्जनों गांवों के वाशिन्दों को किसी प्रकार के राशन कार्ड बनाना हो, नरेगा का कार्ड हो या कोई भी सरकारी कार्य. उसके लिये नजदीकी गांव खुहड़ी जो 40 किमी दूरी पर हैं, वहां पर या जिला मुख्यालय पर जाना पड़ता है. इन गांवों मे कोई भी व्यक्ति अपनी लड़की की शादी नहीं करना चाहता.

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स्थानीय व्यक्ति जुगत सिंह रावतरी कहते हैं कि इस बार हम दोनो पार्टियों के घोषणा पत्र में डेजर्ट नेशनल पार्क की समस्याओं का मुद्दा जुड़वाएंगे. ताकि जो भी विधायक बने, वह इस क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हो. हालांकि सरकार ने डेजर्ट नेशनल पार्क के विकास के लिए ऑनलाईन आवेदन के रूप में ग्रामीणों को राहत प्रदान की हैं, लेकिन यह कार्य भी काफी धीमी गति से चल रहा है.

विकास कार्य के प्रस्ताव अटके

डिप्टी कनजरवेटर फोरेस्ट आशीष व्यास कहते हैं कि हमारे पास विकास के प्रपोजल या रिपेयरिंग के कार्य के लिए आवेदन हैं. हम उन्हें राज्य सरकार के स्तर से वाइल्डलाइफ बोर्ड को मंजूरी के लिए आगे भेजते हैं. हाल ही में हमने कई प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से वाईल्ड लाईफ को भेजे हैं.

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