जैसलमेर में तेजी से फैल रहा H3N2 वायरस का प्रकोप, खांसी और बुखार ने बिगाड़ी लोगों की हालात
Jaisalmer: जैसलमेर में कोरोना के बाद एक फिर वायरल संक्रमण ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. जिसका हर घर में असर देखने को मिल रहा है. बच्चे हो या बड़े बुजुर्ग. यह संक्रमण तेजी से फैलकर सभी को अपनी चपेट में ले रहा है. एक तरफ कोरोना का भय अभी तक आम आदमी […]
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Jaisalmer: जैसलमेर में कोरोना के बाद एक फिर वायरल संक्रमण ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. जिसका हर घर में असर देखने को मिल रहा है. बच्चे हो या बड़े बुजुर्ग. यह संक्रमण तेजी से फैलकर सभी को अपनी चपेट में ले रहा है. एक तरफ कोरोना का भय अभी तक आम आदमी के जेहन में है, वहीं दूसरी तरफ अभी फैल रहा संक्रमण भी उसी तरह डरा रहा है. अभी जिले में वायरल बुखार और खांसी का प्रकोप के कई मामले तेजी से सामने आ रहे हैं, जिससे जिले के सबसे बड़े जिला अस्पताल में एक बार फिर भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है.
जैसलमेर के जवाहिर चिकित्सालय में ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 800 से 1 हजार तक मरीज पहुंच रहे हैं. अन्य निजी अस्पतालों व चिकित्सकों को घर पर दिखाने वालों का आंकड़ा शामिल करें तो रोजाना जैसलमेर मुख्यालय पर दो से ढाई हजार मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. सरकारी अस्पताल पर बीमारी से ग्रसित लोग पर्ची कटवाने की कतार में खड़े नजर आ रहे हैं तो वहीं सैंपल लेने की कतारें नजर आ रही है. वहीं चिकित्सालय के बाहर व अंदर भारी भीड़ देखने को मिल रही है तो वहीं चिकित्सालय के चिकित्सक पर मरीजों का भार बढ़ गया है और दवाइयों के स्टोर के आगे लंबी लाइनें लगी हुई हैं.
यह बीमारी जैसलमेर जिले के अधिकतर हिस्सों में फैल रही है, खांसी और बुखार का संक्रमण जिससे दूर दराज के ग्रामीण इलाके भी अछूते नहीं है. यह बुखार और खांसी 10 से 15 दिन तक लंबे इलाज के बाद भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पा रही है. ICMR के अनुसार यह H3N2 वायरस हैं, जो सांस रिलेटेड इन्फेक्शन है. इससे बुजुर्गो, दिल की बीमारी के मरीजों और बच्चों के प्रति सावधानी बरतने की आवश्यकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इंफ्लूएंजा जैसी कोई भी बीमारी होने पर लोग बिना किसी डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक खाते रहते हैं. जबकि वायरल में ये दवाइयां असर ही नहीं करती हैं. ये वायरस, कोविड जैसा ही है जो बहुत तेजी से म्यूटेट होती है.
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H3N2 वायरस फेफड़ों पर बुरा असर डाल रहा है. इन वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों में बुखार टूटने के बाद खांसी शुरू होती है और ये लंबे समय तक रहती है. खांसी काफी तेज होती है और ये ठीक होने में 10 से 12 दिन ले रही है. वहीं कई मरीजों में खांसी 3 सप्ताह में भी पूरी तरह खत्म नहीं हो रही. जैसलमेर जिले वासी नई आफत से परेशान नजर आ रहे हैं तो वहीं गांव के लोग भयभीत नजर आ रहे हैं.
मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एल बुनकर संबंधित जिले के अस्पताल व सीएससी सेंटर पर जाकर जायजा लेते नजर आए. चिकित्सा अधिकारी ने कहा घबराने जैसी कोई बात नहीं है. अभी वर्तमान में मौसम का बदला हुआ है. जब भी मौसम का बदलाव होता है. तभी मौसमी बीमारियां फैलना शुरू हो जाती है.
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डॉक्टरों का कहना है कि H3N2 वायरस के संक्रमित हो रहे कुछ मरीजों में लंग्स में ज्यादा इंफेक्शन फैल रहा है. इससे निमोनिया होने की भी कंडीशन बन रही है. अक्सर बुजुर्ग या छोटे बच्चों में केस ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की भी नौबत आ रही है. इन वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों में बुखार टूटने के बाद खांसी शुरू होती है और ये लंबे समय तक रहती है. खांसी काफी तेज होती है और ये ठीक होने में लंबा समय ले रही है. इन दिनों देखने को मिल रहा है कि कई मरीजों में खांसी 3 सप्ताह में भी पूरी तरह खत्म नहीं हो रही.
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