Rajasthan: उदयपुर में धारा 144 लागू, धार्मिक झंडा फहराया तो मिलेगी यह सजा, जानें वजह
Udaipur: साम्प्रदायिक सौहार्द को देखते हुए जिला प्रशासन ने उदयपुर में धारा 144 लागू कर दी है. उदयपुर में संवेदनशीलता की स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. कलेक्टर ताराचंद मीणा ने गुरुवार रात को आदेश जारी किए हैं. इस दौरान कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक झंड़े भी नहीं लगा लगा […]
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Udaipur: साम्प्रदायिक सौहार्द को देखते हुए जिला प्रशासन ने उदयपुर में धारा 144 लागू कर दी है. उदयपुर में संवेदनशीलता की स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. कलेक्टर ताराचंद मीणा ने गुरुवार रात को आदेश जारी किए हैं. इस दौरान कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक झंड़े भी नहीं लगा लगा सकते हैं. यह आदेश आगामी दो महीने के लिए जारी किया है.
शुक्रवार को हनुमान जंयती को देखते हुए कलेक्टर के आदेश के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है. सामाजिक सद्भाव बना रहे इसके लिए पुलिस धार्मिक स्थलों की निगरानी कर रही है. कलेक्टर ताराचंद मीणा को पत्र लिख कर जानकारी दी कि उदयपुर में धार्मिक आयोजनों के दौरान धार्मिक प्रतीक चिन्ह युक्त झंडिया लगाकर कानून-व्यवस्था पर प्रभाव डाला जा सकता है.
आदेश जारी करते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उदयपुर जिले के सम्पूर्ण नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक सम्पत्तियों यथा-राजकीय भवन, राजकीय उपक्रम, बोर्ड, निगम के भवन, सार्वजनिक सामुदायिक भवन, विश्राम गृह, सार्वजनिक पार्क, चौराहे, तिराहे पर निर्मित सर्किल, विद्युत एवं टेलिफोन के खम्भे (पोल) इत्यादि अथवा अन्य व्यक्ति की सम्पत्ति पर बिना सक्षम स्वीकृति, सहमति के धार्मिक प्रतीक चिन्ह युक्त झंडियां लगाने पर प्रतिबन्ध के लिए निषेधाज्ञा लागू किया जाता है. आदेश के अनुसार यदि कोई व्यक्ति आदेश की अवेहलना करता है तो उसे IPC की धारा 188 के तहत अभियोजित किया जा सकेगा.
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धारा-188 में यह है सजा का प्रावधान
IPC की धारा 188 में सरकारी आदेश/ऑर्डर को न मानने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान दिया गया है. इसके मुताबिक, जो कोई भी जानबूझकर पब्लिक सर्वेंट के आदेश की अवमानना करता है, उसको जेल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं. यदि ऐसी अवज्ञा विधिपूर्वक नियोजित किन्हीं व्यक्तियों को बाधा, क्षोभ या क्षति, अथवा बाधा, क्षोभ या क्षति की जोखिम उत्पन्न करे, या उत्पन्न करने की प्रवॄत्ति रखती हो, तो वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दौ सौ रुपए तक का हो सकता है, या दोनों से, दंडित किया जाएगा.
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