राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले जाने-माने रंगकर्मी दौलत वैद को वर्ष 2022 के लिए संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया गया है. बुधवार को विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रंगकर्मी दौलत वैद को पुरस्कृत किया. इस मौके पर 7 कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी फेलो सम्मान और 94 कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान किए गए.
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अलवर के रहने वाले रंगकर्मी दौलत वैद ने राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से नाट्य विषय में पीजी करने के बाद दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) से रंगकर्म की शिक्षा ली है. इन्होंने रंगमंच पर प्रकाश व्यवस्था, ड्रेस डिजाइनिंग और निर्देशन में महारथ हासिल करने के बाद करीब 60 नाटकों में अभिनय किया है. इनके द्वारा निर्देशित नाटकों में पद्मश्री रामगोपाल बजाज, सीमा विस्वास और उत्तरा बावकर शामिल रहे हैं. इन्होंने नीलम मानसिंह चौधरी, अनुराधा कपूर, एमके रैना, दिलीप मेहता समेत दूसरे रंगकर्मियों के अलावा अभिनेता राजपाल यादव के साथ भी काम किया है.
इनके निर्दशित नाटकों में लेखक अमृत लाल नागर की निर्गुणिया, लेखक सतीश आलेकर की महानिर्वाण, विलियम शेक्सपीयर की ए मिड नाइट ड्रीम, रोमियो एंड जूलियट, मंच अबाउट नथिंग, मुशर्रफ आलम जौकी की बेहद नफरत के दिनों, सुरेंद्र वर्मा की डेढ़ इंच ऊपर, संपत सरल की दो निठल्लों की बात-चीत, लेखक स्टीफन स्विंग की एक अनजान औरत का खत समेत निलय उपाध्याय के 'रावण' का भी निर्देशन कर चुके हैं.
रंगमंच पर प्रकाश व्यवस्था का रोल कितना अहम?
अब सवाल ये है कि रंगमंच पर प्रकाश व्यवस्था का रोल कितना अहम होता है? इस बारे में खुद दौलत वैद बताते हैं कि लाइट एंड साउंड नाटक में दिन और रात का फर्क बताने, मौसम के साथ ही भावनात्मक दृश्यों में जान डालने का काम करता है. दौलत वैद को देश और विदेशों में भी नाटक के मंचन में लाइट एंड साउंड के लिए बुलाया जाता है. ये जर्मनी, जापान, इंग्लैंड, फ्रांस, स्कॉटलैंड, पाकिस्तान, ब्राजील, सिंगापुर, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, कतर और अफ्रीका के अलावा बैंकाक तक जा चुके हैं. दौलत वैद का रंगमंच पर ध्वनि-प्रकाश व्यवस्था और निर्देशन के साथ नाट्य प्रेमियों के दिलों पर राज करने का सफर जारी है.
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