Video: घर में आई अजीब सी आहट, महिला ने जाकर देखा तो चीखी और कमरे में खुद को किया बंद

Satish Sharma

03 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 3 2024 2:54 PM)

तेंदुए के घर में घुसने के बाद करीब ढाई घंटे तक परिवार कमरे में कैद रहा. पैंथर के रेस्क्यू करने के बाद ही लोगों ने राहत की सांस ली.

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उदयपुर (Udaipur news) के सवीना थाना इलाके में उस वक्त दहशत का माहौल हो गया जब पता चला कि एक घर के भीतर तेंदुआ (leopard in a house) घुस गया है. तेंदुए की गुर्राहट सुन आसपास के घरों के लोग छत पर चढ़ गए. आनन-फानन में वन विभाग को खबर दी गई. विभाग मौके पर पहुंचा और बड़ी मशक्कत से ट्रैंकुलाइज कर तेंदुए को पकड़कर ले गए. तब जाकर घर वालों की जान में जान आई. 

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उदयपुर के सवीना थाना इलाके में बुधवार सुबह 7 बजे सेक्टर 14 स्थित एक मकान में बहू रसोई में खाना बना रही थी. अचानक उसे किसी के आने की अहट मिली. उसने किचन की खड़की से देखा तो उसके होश उड़ गए. एक पैंथर मकान में दाखिल हो चुका था और सीढ़ियों से चढ़कर ऊपर आ रहा था. महिला के हाथ-पांव फूल गए. उसने खुद को किचन में बंद कर लिया और तुरंत अपने पति को फोन मिलाया. सभी कमरों में बंद हो गए. इस दौरान घर में महिला की सास, पति, बेटी और ननद भी मौजूद थीं. 

ढाई घंटे तक दहशत में रहा परिवार

महिला के पति ने तुरंत वन विभाग को इसकी सूचना दी. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और करीब साढ़े 9 बजे तक पैंथर को ट्रैंकुलाइज किया जा सका. इस दौरान आसपास के घरों में सूचना फैलते ही दहशत का माहौल हो गया. लोग घरों को भीतर से बंद कर छत पर चले गए. 

ढाई घंटे डर के साए में 

परिवार की एक महिला जमुना बाई ने बताया कि सुबह वह झाड़ू लगाने के लिए बाहर गई थी. इस दौरान घर का दरवाजा खुला हुआ था. सुबह जमुना बाई के पति तो मॉर्निंग वॉक के लिए निकल गए थे. कुछ देर बाद ही जब उन्होंने घर की सीढ़ी के नीचे देखा कुछ हलचल नजर आई. जब उन्होंने पास से देखा तो एक पैंथर बैठा हुआ था. इसकी सूचना उन्होंने अपने पति को दी, लेकिन एक बार तो उनके पति ने भी मजाक समझा. वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद पैंथर का रेस्क्यू किया. पैंथर को देखने के लिए आसपास के बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए.

रिहायशी इलाकों में क्यों आ रहे पैंथर?

पैंथर अब रिहायशी इलाकों में दस्तक दे रहे हैं. इंसान पहाड़ी इलाकों में घुस चुका है. रिहायशी कॉलोनी में लगातार हो रहे पैंथर के मूवमेंट से साफ है कि जिस भी कलेक्टर ने या UDA के अधिकारी ने पहाड़ काटने की अनुमति दी है वही इस घटना के जिम्मेदार भी हैं. क्योंकि अरावली पर्वतमालाओं से घिरे इस उदयपुर शहर की खूबसूरती ही यहां के पहाड़ और झील हैं. ऐसे में जब पहाड़ ही नही रहेंगे तो ये वन्य जीव कहां जाएंगे.

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