चंबल किनारे वाइल्डलाइफ का मनोरम दृश्य, गुनगुनी धूप में मगरमच्छ, घड़ियाल और माइग्रेटरी बर्ड दिख रहे इस अंदाज में

Umesh Mishra

28 Dec 2022 (अपडेटेड: Dec 28 2022 4:10 PM)

Dholpur news: चम्बल नदी इस समय जलीय जीव और प्रवासी पक्षियों से गुलज़ार है. यहां मेहमान पक्षी डेरा जामाए हुए हैं. जिससे यहां का नजारा बेहद खूबसूरत हो रखा है. सात समुंदर पार कर हज़ारों किलोमीटर की दूरी तय कर प्रवासी पक्षी यहां आए हुए हैं. प्रवासी पक्षियों के लिए जिले के जलाशय स्वर्ग बन […]

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Dholpur news: चम्बल नदी इस समय जलीय जीव और प्रवासी पक्षियों से गुलज़ार है. यहां मेहमान पक्षी डेरा जामाए हुए हैं. जिससे यहां का नजारा बेहद खूबसूरत हो रखा है. सात समुंदर पार कर हज़ारों किलोमीटर की दूरी तय कर प्रवासी पक्षी यहां आए हुए हैं. प्रवासी पक्षियों के लिए जिले के जलाशय स्वर्ग बन गए हैं. ठण्ड के मौसम में चम्बल नदी के पानी का तापमान कम होने पर नदी में मगरमच्छ, घड़ियाल, कछुए विचरण कर रहे हैं. वहीं बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी डेरा डाले हुए हैं.

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धौलपुर की चम्बल नदी, तालाब-ए-शाही, निभी का ताल, हुसैन सागर, वन विहार, विश्नौंदा का ताल, रामसागर,उर्मिला सागर, हुसैन सागर और आंगई बांध समेत आठ जलाशयों के किनारे इस बार हजारों की संख्या में पेंटेड स्ट्रोक, इंडियन स्कीमर, ईगल, किंगफिशर,ब्लेक बेली ट्रेन, बार हैडेड गूज, ग्रे हैरोन, ग्रे लेग्ड गूज, शाफ़्ट शेल टर्टल, आइबिस, पेलकिन, लिटिल ग्रीव, कॉमन कूट, पोचार्ड आदि प्रजातियों के पक्षी डेरा डाले हुए है.

चंबल नदी पर इंडियन स्कीमर को भी देखा गया है. स्कीमर अपने कुनबे के साथ आए हैं. इसे देशी भाषा में पनचीरा के नाम से जाना जाता है. इंडियन स्कीमर की चोंच उसके शरीर का सबसे आकर्षक भाग होती है. इसकी चोंच लम्बी, मोटी, गहरी नारंगी और सिरे से हल्के पीले रंग की होती है. जिले में चंबल और ताल-बांधों के किनारे दो दर्जन से ज्यादा दुर्लभ प्रजातियों के विदेशी पक्षियों का डेरा लगा हुआ है. इससे जिले की सुंदरता को चार चांद लग गए हैं. पक्षियों के साथ ही जलीय जीवों की अठखेलियां लोगों को आकर्षित कर रही हैं.

कई देशों से आते हैं पक्षी
बता दें कि सर्दी के मौसम में हर साल धौलपुर जिले में हजारो की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं. साथ ही गर्मी के मौसम में भी प्रवासी पक्षी यहां आते हैं. साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान, चीन, ऑस्ट्रेलिया, रूस, ईरान समेत अन्य कई देशो से प्रवासी पक्षी हजारों किलोमीटर की उड़ान भर कर यहां आते हैं. वहीं वन्यजीव प्रेमीयों का कहना है कि पक्षियों के संरक्षण के लिए धौलपुर के तीन से चार स्थानों को भरतपुर के केवलादेव घना की तरह पर्यटन स्थल बनाया जाए. इससे सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा साथ ही सरकार को राजस्व भी प्राप्त होगा.

पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने प्रवासी पक्षी
खिली धूप में बैठे जलीय जीवों के साथ-साथ नदी किनारे प्रवासी पक्षी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. चम्बल नदी में वोटिंग के लिए धौलपुर नगर परिषद और चम्बल सेंचुरी ने चम्बल सफारी की शुरुआत की हैं. चम्बल सफारी का नजारा देखने के पर्यटक धौलपुर जिले से होकर गुजर रही चंबल नदी पर पहुंच रहे हैं.

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