पिता करते थे मोटर वाइंडिंग का काम, बेटा बना कमर्शियल पायलट, पढ़िए संघर्ष के जीत कहानी

मनोज तिवारी

04 Jan 2023 (अपडेटेड: Jan 4 2023 9:00 AM)

Tonk: एक मशहूर कविता की पंक्तियां हैं कि लहरों डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. जी हां टोंक जिले के देवली कस्बे में रहने वाले दीपक ग्वाला और उसके परिवार पर यह पंक्तियां बिल्कुल सटीक उतरती नजर आ रही है. बचपन से ही पायलट बनने का सपना देखने […]

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Tonk: एक मशहूर कविता की पंक्तियां हैं कि लहरों डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. जी हां टोंक जिले के देवली कस्बे में रहने वाले दीपक ग्वाला और उसके परिवार पर यह पंक्तियां बिल्कुल सटीक उतरती नजर आ रही है. बचपन से ही पायलट बनने का सपना देखने वाले दीपक ग्वाला के कमर्शियल पायलट बनने का सफर भी काफी संघर्षपूर्ण रहा है.

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पहले पिता हुए असक्षम फिर दादा की भी हुई मौत
बचपन से ही हवाई जहाज उड़ाने का सपना देखने वाले देवली के घोसी मोहल्ला निवासी दीपक के पिता सत्यनारायण कुमावत मोटर वाइंडिंग का काम किया करते थे लेकिन 2011 में एक सड़क हादसे के बाद वे पूरी तरह से असक्षम हो गए. ऐसे में दीपक के दादा मोहनलाल व उसकी माता अनुराधा ने दीपक पायलट बनने को सपना पूरा करने की ठानी और उसे कानपुर में कमर्शियल पायलट के लिये 8 माह का प्रशिक्षण करवाया.

दादा के स्वर्गवास के बाद भविष्य नजर आया अंधकारमय
विपरित परिस्थितियों में भी जब दीपक को अपना सपना सच होता दिख रहा था तभी 2019 में उसके दादा मोहनलाल भी दुनिया को अलविदा कह गए. ऐसे में जब दीपक को चारों ओर अंधकार नजर आ रहा था तभी कपड़ों की सिलाई कर परिवार का पेट पालने वाली माता अनुराधा व उसकी तीन विवाहित बहनों अर्पिता, आरती व पायल ने अपने-अपने स्तर पर कर्ज लेकर ना सिर्फ उसे एक माह के प्रशिक्षण के लिये स्पेन भेज कर उसके सपनों को पंख लगा दिए. लगभग 22 लाख रूपये के कर्ज में डूबी बहनों व मां का कहना था कि वे किसी भी सूरत में दीपक को पायलट बनना देखना चाहते थे और अब वह दिन दूर नहीं जब उनकी आंखों का तारा पायलट के रूप में आसमान की दूरियां नापता नजर आएगा.

एलायंस एयर एविएशन के कमर्शियल पायलट के रूप में मिली नियुक्ति
दीपक के परिवार की खुशी का उस समय कोई ठिकाना नहीं रहा जब उन्हें पता चला कि उसका चयन एलायंस एयर एविएशन में कमर्शियल पायलट के रूप में हो गया. चयन के बाद दीपक का आज से एक माह का प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया है और इसके बाद वह बाकायदा कमर्शियल पायलट के रूप में अपनी वायुयान उड़ाता नजर आएगा.

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