Kota: कोटा शहर में बढ़ते हत्या के मामले थम नहीं रहे हैं. अभी 2 दिन पूर्व कोतवाली क्षेत्र में पुरानी रंजिश को लेकर चाकू मारकर हत्या का मामला अभी तक ठंडा भी नहीं पड़ा है. इससे पहले गुरुवार को दिनदहाड़े एक कलयुगी पिता ने अपने ही (10) वर्षीय पुत्र पर चाकू से हमला कर हत्या कर दी और पत्नी को घायल कर दिया. उसने स्वयं को भी जख्मी कर लिया. घायल होने पर तीनों को परिजनों ने एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया है. वहां चिकित्सकों ने पुत्र को मृत घोषित किया. पुलिस ने पत्नी मूर्ति के पर्चा बयान पर पति जसवंत लश्कर के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया.
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आरोपी पति का एमबीएस में पुलिस कस्टडी में उपचार चल रहा है. बालक के शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया. आरोपी जसवंत अपनी पत्नी से आए दिन लड़ाई झगड़ा तथा मारपीट करता रहता था. आरोपी को पूर्व में भी पत्नी की रिपोर्ट पर गिरफ्तार किया और पाबंद किया था. इसके बावजूद आरोपी ने गुरुवार को 1:00 रसोई में खाना बना रही पत्नी पर चाकू से हमला किया.
पति कहता था तुझे और बेटे को मारूंगा
पीड़ित मूर्ति बाई ने बताया कि उसका पति जसवंत उसके साथ लड़ाई झगड़ा करता था और कहता था कि तुझे और तेरे बेटे को जान से मार दूंगा, उसने पुत्र को मार दिया, वह बैठी रसोई में खाना बना रही थी, उस समय अचानक आया और उसके साथ मारपीट की तथा नीचे गिरा दिया और चाकू से वार किया, जिससे चिल्लाई तो पास में खेल रहा लविश दौड़कर आया और हम दोनों को बचाने लगा था तभी उसके पति ने बच्चे पर चाकू से हमला किया, उसका पति कोई काम धंधा नहीं करता है, उनकी 22 बीघा पुश्तैनी जमीन से खर्चा चल रहा था.
माता-पिता का इकलौता था
एमबीएस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती पुत्र को देखने के लिए मां मूर्ति ने स्वयं के जख्म की परवाह नहीं की और पलंग से उठकर बोली मुझे मेरा बेटा दिखा दो, मेरा खून ले लो और उसे बचा लो, मूर्ति को नहीं बताया गया था कि अब उसका पुत्र इस दुनिया में नहीं रहा है. मूर्ति को समझाती महिला कांस्टेबल नजर आई, बच्चे की पीठ में गर्दन पर चाकू का गहरा घाव था, लविश अपने माता-पिता का इकलौता था, आरोपी के माता-पिता अजमेर में रहते हैं पीड़ित मां को रिश्तेदार संभाल रहे हैं.
मृतक के मामा महेंद्र कुमार ने बताया कि उसकी बहन मूर्ति बाई की जसवंत के साथ 13-14 साल पहले शादी हुई थी शादी के बाद से जसवंत उसकी बहन को आए दिन मारपीट तथा लड़ाई झगड़ा करता रहता था, सूचना मिलने के बाद परिजनों ने 108 से घायलों को अस्पताल पहुंचाया, उन्होंने बताया कि उसका जीजा जसवंत महाकाल के दरबार में अक्सर जाता था और वहां से आने के बाद बहकी-बहकी बातें करता था.
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