संविधान बदलने वाली बात पर ज्योति मिर्धा बोलीं- इसमें कोई बात नहीं, इधर ओवैसी ने PM मोदी से पूछे सवाल

राजस्थान तक

03 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 3 2024 4:33 PM)

ज्योति मिर्धा ने अपने इस भाषण पर प्रतिक्रिया दी है. ज्योति मिर्धा ने कहा कि उस क्लिप को कोई भी सुन लेगा तो पता चल जाएगा.

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Lok sabha election 2024: राजस्थान (rajasthan news) के नागौर लोकसभा सीट (nagaur lok sabha seat) से बीजेपी की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा (Jyoti mirdha) के भाषण का एक वीडियो (Jyoti Mirdha talked about changing the Indian constitution) सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया X पर शेयर कर संविधान बदलने की बीजेपी की मंशा की तरफ इशारा किया. वहीं राजस्थान के कांग्रेसी नेताओं के अलावा I.N.D.I.A.  गठबंधन के प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल (Hanuman beniwal) ने भी ज्योति मिर्धा के भाषण पर भाजपा और मिर्धा को जमकर घेरा. कांग्रेस नेता शशि थरूर (shashi tharoor), जयराम रमेश (jairam ramesh) के अलावा AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने तो पीएम मोदी से इसे लेकर कई सवाल पूछे हैं. 

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अब ज्योति मिर्धा ने अपने इस भाषण पर प्रतिक्रिया दी है. ज्योति मिर्धा ने कहा कि उस क्लिप को कोई भी सुन लेगा तो पता चल जाएगा. उसमें तो कोई बड़ी बात ही नहीं है. उसको तो एक गलत संज्ञा देकर बिल्कुल उल्टा मिनिंग निकाला जा रहा है.  भाषण सुनेंगे तो उसका अलग मतलब है और उसका मायने जो निकाला जा रहा है उसका अलग मतलब है. चाहे शशि थरूर जी हों या असदुद्दीन ओवैसी जी हों, सब अपने-अपने हिसाब से उसे इंटरप्रिटेट कर रहे हैं और पब्लिक को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस के पास कोई मुद्दे नहीं बचे हैं. 

कानून के अंदर संविधान बदलने का प्रावधान- मिर्धा 

हम लोगों से आशा करते हैं आप अच्छे बहुमत से जीताएं तो कानून के अंदर प्रावधान दिया गया है कि संविधान को बदल सकते हैं. अब तक 106 बार संविधान को बदला जा चुका है. महिला आरक्षण,  पंचायती राज आया तो संविधान में संशोधन करके आया. एससी भइयों के आरक्षण का बिल आया तो संसोधन करके आया. पता नहीं क्यों इसको बतंगड़ बनाकर इसका गलत अर्थ निकालकर सोशल मीडिया पर चला रहे हैं कुछ तो हवा देने के लिए. 

शशि थरूर ने दिया ये रिएक्शन

ज्योति मिर्धा के वीडियो को सोशल मीडिया X पर शेयर करते हुए कांग्रेस लीडर शशि थरूर ने कहा- "अनंत हेगड़े के बयान के बाद बीजेपी ने उन्हें उम्मीदवारों की सूची से बाहर कर दिया. अब एक और बीजेपी उम्मीदवार खुलेआम कहती हैं कि बीजेपी का लक्ष्य संविधान को बदलना है. सच्चाई उजागर करने के लिए भाजपा और कितने उम्मीदवारों को अस्वीकार कर सकती है?" 

जयराम रमेश ने भी कही ये बात

इधर शशि थरूर के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- "ये सब खुद महासूत्रधार ने रचा है. यह सोची-समझी रणनीति है."

ओवैसी ने पीएम मोदी से पूछे सवाल

इधर असदुद्दीन ओवैसी ने ज्योति मिर्धा के बयान के बाद ट्विट कर पीएम मोदी से सवाल पूछा है. ओवैसी ने ट्विट कर कहा- "हेगड़े के बाद भाजपा की एक और प्रत्याशी ने कहा के संविधान को बदलने की ज़रूरत है और “कठोर निर्णय” की ज़रूरत है। @narendramodi स्पष्ट करें की संविधान में वो क्या बदलाव चाहते हैं, और क्या वो चहते हैं के राज्यों का दर्जा गिरा दिया जाये, जैसे कश्मीर के साथ किया था? क्या जाति की बुनियाद पर आरक्षण ख़त्म किया जाएगा? क्या पारलिमानी जमहूरियत को तब्दील करके उसकी जगह प्रेसिडेंशियल जमहूरियत तो नहीं चाहते मोदी जी? भाजपाइयों और अन्य संघियों को संविधान से इतनी चिढ़ है तो संविधान के तहत सत्ता क्यों हासिल करना चाहते हैं? चीन से ज़मीन वापस लेना भी एक कठोर निर्णय है, और उसके लिए संविधान बदलने की ज़रूरत तो नहीं, बस हिम्मत इच्छा शक्ति की बात होती है।"

BJP बाबा सहेब के संविधान को खत्म करने पर आतुर- बेनीवाल

इधर ज्योति मिर्धा के भाषण की क्लिप को सोशल मीडिया X पर शेयर करते हुए ज्योति मिर्धा के अपोजिट नागौर से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने भी प्रतिक्रिया दी. बेनीवाल ने कहा- "लोकतंत्र में अब हम सब के लिए यह विचारणीय है की किसी भी प्रत्याशी के विचार हमे किस दिशा की और ले जाने वाले है,यह संबोधन मेरे सामने नागौर लोक सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार का है जिनके द्वारा फिर से सत्ता में आने के बाद संविधान बदलने की बात की जा रही है ! इनके बयानों से यह स्पष्ट है की भारतीय जनता पार्टी बाबा साहब के संविधान को खत्म करने को आतुर है ! नागौर लोक सभा से भाजपा उम्मीदवार अपने बयानों के माध्यम से स्वयं उनके और उनकी पार्टी BJP के विचारों से जनता को अवगत करवा रही है की इस बार सत्ता में आने के बाद दलितों और पिछड़ों से संविधान प्रदत्त आरक्षण रूपी हक छीनकर उन्हें सामाजिक न्याय से वंचित करने का प्रयास किया जायेगा !"

इनपुट: केसाराम गढ़वार

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