Barmer: रविंद्र भाटी को रोकने के लिए बीजेपी ने चला ये बड़ा दांव, मानवेंद्रसिंह की BJP में करवाई घर वापसी

Dinesh Parashar

12 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 12 2024 8:02 PM)

इससे पहले मानवेंद्रसिंह जसोल के होली से पहले बीजेपी में घर वापसी की चर्चाएं चल रही थी, लेकिन सड़क दुर्घटना में उनकी पत्नी चित्रासिंह के निधन से परिवार शोक में था.

तस्वीर: दिनेश बोहरा, राजस्थान तक.
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देश के रक्षा, विदेश एवं वित्तमंत्री रहे दिवंगत नेता जसवंतसिंह जसोल (jaswant singh) के बेटे और पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह जसोल (manvendra singh jasol ) ने 12 अप्रैल यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM modi) के मंच पर बीजेपी में घर वापसी कर ली है. बाड़मेर (Barmer jaisalmer) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से प्रत्याशी कैलाश चौधरी ने मानवेंद्र सिंह को दुपट्टा पहनाकर बीजेपी में आने पर अभिनंदन किया. 

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अपने संबोधन में मानवेंद्र सिंह जसोल ने कहा कि कोई अपने परिवार से दूर नहीं रह सकता और परिवार के साथ रहने की एक अलग ही खुशी मिलती है. मानवेंद्र के संबोधन के दौरान मंच पर पहुंचे राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी मानवेंद्र का अभिवादन किया. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने संबोधन के बाद मानवेंद्र सिंह जसोल से बातचीत करते नजर आए. 

PM मोदी ने मंच से जसवंतसिंह को किया याद

बाड़मेर की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के रक्षा, विदेश और वित्त मंत्री रहे जसवंत सिंह जसोल को भी याद किया. लांकि, उनका बयान राजपूत वोटरों को साधने के लिहाज से भी देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ' ये बाड़मेर हमारी पार्टी के वरिष्ठ स्वर्गीय जसवंतसिंह जी का क्षेत्र है. यहां के लोगों ने हमेशा मुझे बोला है कि मोदी जी आप देश के दुश्मनों को सबक सिखाओ, बाड़मेर जिताने की जिम्मेदारी हमारी है. आप इस बार भी पहले से  ज्यादा वोटों से बीजेपी को जिताओगे, ये मेरा पक्का विश्वास है.' 

इससे पहले मानवेंद्रसिंह जसोल के होली से पहले बीजेपी में घर वापसी की चर्चाएं चल रही थी, लेकिन सड़क दुर्घटना में उनकी पत्नी चित्रासिंह के निधन से परिवार शोक में था.

वसुंधरा से अदावत के चलते छोड़ी थी बीजेपी

बाड़मेर -जैसलमेर लोकसभा से बीजेपी के पूर्व सांसद और बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से 2013 से 2018 तक विधायक रहे मानवेंद्रसिंह के पिता स्व. जसवंतसिंह जसोल 2014 का लोकसभा चुनाव बाड़मेर-जैसलमेर सीट से लड़ना चाहते थे. बताया जाता है कि उस वक्त प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे ने जसवंतसिंह जसोल को टिकट ना दिलावर कांग्रेस के कर्नल सोनाराम को बीजेपी में ज्वॉइन करवाया और उन्हें  टिकट दिलवा दी. ऐसे में जसवंतसिंह जसोल ने निर्दलीय चुनावी ताल ठोक दिया. इसी से वसुंधरा और जसवंत परिवार की आदावत शुरू हुई. इसके बाद साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले मानवेंद्रसिंह ने बाड़मेर के पचपदरा में 'स्वाभिमान सभा' कर 'कमल का फूल हमारी भूल' कहते हुए बीजेपी को छोड़ दिया और अगले कुछ दिनों में दिल्ली में राहुल गांधी ने मानवेंद्र को कांग्रेस ज्वॉइन कराया. 

गहलोत सरकार में रहे सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष

मानवेंद्र सिंह जसोल को कांग्रेस ने 2018 का विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने झालरापाटन से लड़ाया. तब वे हार गए तो उन्हें सैनिक कल्याण बोर्ड का जिम्मा सौंपा. इसके बाद 2023 विधानसभा चुनाव मानवेंद्र जैसलमेर से लड़ना चाहते थे. लेकिन, कांग्रेस ने उन्हें जैसलमेर की बजाय सिवाना विधानसभा से चुनाव लड़ाया. यहां भी मानवेंद्र हार गए. सिवाना में मानवेंद्र की हार का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस के ही बागी सुनील परिहार रहे, जो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए कुछ हफ्ते पहले ही सुनील परिहार की पार्टी में घर वापसी करवा ली. इसी बात से मानवेंद्र ने आहत होकर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी को थी, जिसमें लिखा था 'निष्कासन के बाद छः वर्ष की अवधि काफी जल्दी बीत गई!' इसी पोस्ट के बाद ही मानवेंद्र सिंह की घर वापसी के कयास और ज्यादा तेज हो गए थे.

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