CM भजनलाल का भाषण रोक कर सौगंध देने वाले BSP विधायक ने पार्टी को दिया बड़ा झटका

Umesh Mishra

16 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 16 2024 7:32 PM)

विधायक जसवंत सिंह गुर्जर ने सादुलपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक मनोज न्यांगली के साथ शिवसेना शिंदे की सदस्यता ग्रहण कर ली है.

तस्वीर: उमेश मिश्रा, राजस्थान तक.
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लोकसभा चुनाव (Lok sabha election 2024) के दौरान प्रदेश ही नहीं देश भर में राजनेताओं के दल बदलने का सिलसिला लगातार जारी रहा है. इसी बीच सीएम भजन लाल शर्मा के भाषण को बीच में रोक कर लोगों को महादेव की सौगंध देकर हिन्दू धर्म का हवाला देने वाले धौलपुर जिले के बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के बीएसपी विधायक जसवंत सिंह गुर्जर ने मंगलवार को शिवसेना शिंदे का दामन थाम लिया है. 

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विधायक जसवंत सिंह गुर्जर ने सादुलपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक मनोज न्यांगली के साथ शिवसेना शिंदे की सदस्यता ग्रहण कर ली है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बसपा के दोनों विधायकों को पार्टी की सदस्यता दिलाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तस्वीर पोस्ट की है. दोनों विधायकों द्वारा शिवसेना शिंदे की पार्टी ज्वाइन करने पर बसपा को चुनाव के दौरान झटका लगा है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बसपा के दोनों विधायकों को शिवसेना शिंदे की सदस्यता दिलाने के बाद ट्विटर पर पोस्ट कर लिखा है कि राजस्थान और महाराष्ट्र का एक दूसरे के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध है. राजस्थान वीर महाराणा प्रताप की भूमि है तो महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि है. उनके विचारों को अपनाकर हमारी सरकार आगे बढ़ रही है और इस धरती से दो नए शिलेदारों के शिवसेना में शामिल होने से राजस्थान में शिवसेना और मजबूत हो गई है. बता दें कि राजस्थान में बीते साल हुए विधानसभा चुनावों में बसपा के दो विधायकों ने जीत हासिल की थी. जो अब शिवसेना शिंदे के पाले में चले गए हैं. 

BSP-BJP गठबंधन में केवल बसपा को झटका

 बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना शिंदे और भाजपा की गठबंधन की सरकार है. जबकि लोकसभा चुनाव में भी शिवसेना शिंदे भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा है. ऐसे में शिवसेना शिंदे का दामन थामने के बाद विधायक जसवंत सिंह गुर्जर और विधायक मनोज न्यांगली चूरू और धौलपुर में कमल खिलाने की कवायद में जुट जाएंगे. 

न्यांगली की राजपूत मतदाताओं पर अच्छी पकड़

चूरू के सादुलपुर विधायक मनोज न्यांगली की राजपूत मतदाताओं पर अच्छी पकड़ मानी जाती है. जबकि गुर्जर समाज से आने वाले बाड़ी विधायक जसवंत सिंह गुर्जर की गुर्जर समाज में पकड़ है. इन दोनों विधायकों का शिवसेना शिंदे में शामिल होने से राजस्थान में अकेले चुनाव लड़ रही भाजपा को गुर्जर और राजपूत मतदाताओं को साधने की कोशिश की जा रही है.

मंच पर दी थी महादेव की सौगंध

 14 अप्रैल को सैपऊ उपखंड में आयोजित सभा में जैसे ही सीएम भजन लाल शर्मा ने भाषण शुरू किया था तो लोग उठ कर जाने लगे थे. इसी दौरान बसपा विधायक जसवंत सिंह गुर्जर ने सीएम के भाषण को बीच में रोक कर लोगों की भीड़ को रोकने के लिए भगवान महादेव की सौगंध दी थी. उन्होंने कहा था कि आप हिन्दू हो तो बैठ जाएं, लेकिन इसके बावजूद लोगों भीड़ धीरे-धीरे सभा से निकल गई थी. सीएम शर्मा की सभा में पूर्व विधायक एवं बीजेपी नेता गिर्राज सिंह मलिंगा के शामिल नहीं होने से जिले की राजनीति में सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था. सीएम के भाषण को बीच में रोक कर महादेव की सौगंध को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया पर तंज कसा था. डोटासरा ने सोशल मीडिया पर लिखते हुए कहा है कि भाजपा का जनता से भरोसा उठ गया है.सिर्फ चार महीने में ही पर्ची सरकार का ये हाल है.

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