राजस्थान के लोकसभा चुनाव में चर्चित और हॉट सीट रही बाड़मेर-जैसलमेर (barmer-jaisalmer loksabha seat 2024) के निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी (ravindra singh bhati) ने मारवाड़ के कद्दावर अल्पसंख्यक नेता अमीन खान से मुलाकात कर हर किसी को हैरान कर दिया है. रविंद्र भाटी और अमीन खान की मुलाकात की तस्वीर सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि आखिर रविंद्र सिंह भाटी ने अमीन खान से मुलाकात क्यों की? इसके साथ ही लोगों के दिमाग में यह सवाल भी है कि इस मुलाकात के क्या मायने हैं?
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कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री अमीन खान कांग्रेस से नाराज चल रहे थे और लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए प्रचार ना कर अमीन खान ने निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी के लिए प्रचार किया. इसी के चलते कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता अमीन खान को अगले 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया. अगर रविंद्र भाटी लोकसभा चुनाव जीत जाते हैं तो यह बात भी सामने आ जाएगी कि चुनाव में अमीन खान ने उनकी मदद की या नहीं.
अमीन खान को विधानसभा चुनाव में हरा चुके हैं भाटी
2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अमीन खान, बीजेपी के स्वरूपसिंह खारा, आरएलपी की टिकट पर जालमसिंह रावलोत, कांग्रेस के बागी और निर्दलीय फतेह खान के सामने रविंद्र सिंह भाटी ने चुनाव लड़ा था. रविंद्र भाटी चारों को हराकर यह चुनाव जीत गए थे. कहा जाता है कि अमीन खान भाटी से हारने के बावजूद लोकसभा चुनाव में गुप्त रूप से उनका सहयोग कर रहे थे.
फतेह खान को पार्टी में शामिल करने से नाराज थे
2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अमीन खान को शिव विधानसभा से अपना उम्मीदवार बनाया था।. लेकिन, उस वक्त बाड़मेर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फतेह खान ने शिव सीट से निर्दलीय ताल ठोक दी थी. इसी वजह से कांग्रेस ने फतेह खान को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. लेकिन, लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने पूर्व जिलाध्यक्ष फतेह खान और सिवाना विधानसभा में कांग्रेस से बागी होकर मानवेंद्र सिंह जसोल के सामने चुनाव लड़े सुनील परिहार को वापस पार्टी में शामिल करवा दिया था. इसी से अमीन खान नाराज थे.
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