JLF: गौर गोपाल दास ने आइसक्रीम के बहाने दी सीख, बोले- जीवन को पिघलने से पहले इन्जॉय करना चाहिए
Jaipur Literature Festival: 5 दिवसीय जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) का सोमवार को समापन हो रहा है. साहित्य उत्सव के आखिरी दिन गौर गोपाल दास भी पहुंचे. उन्होंने आइसक्रीम के बहाने लोगों को जीवन के बारे में बड़ी सीख दी. उन्होंने कहा कि हम जब आइसक्रीम खाते हैं उससे भी एक बड़ी सीख मिलती है. आइसक्रीम […]

Jaipur Literature Festival: 5 दिवसीय जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) का सोमवार को समापन हो रहा है. साहित्य उत्सव के आखिरी दिन गौर गोपाल दास भी पहुंचे. उन्होंने आइसक्रीम के बहाने लोगों को जीवन के बारे में बड़ी सीख दी. उन्होंने कहा कि हम जब आइसक्रीम खाते हैं उससे भी एक बड़ी सीख मिलती है. आइसक्रीम हम पिघलने से पहले खा लेते हैं. ये सिखाता है कि हमें जिंदगी के पिघलने से पहले उसे इन्जॉय कर लेना चाहिए.
गौर गोपाल दास ने कहा कि दूसरी तरफ मोमबत्ती भी पिघलती है. वो खुद को पिघलाकर दूसरों की जिंदगी में रोशनी भरती है. हमें भी ऐसे ही दूसरों के लिए कुछ करना चाहिए. सिर्फ अपने बारे में सोचने से काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि यूथ में आज की सबसे बड़ी परेशानी फ्रस्ट्रेशन है जिसका कारण सोशल मीडिया है. सोशल मीडिया का अपना एक आनंद भी है लेकिन यदि इसे सही तरीके से यूज नहीं किया तो यह श्राप भी बन सकता है.
सोशल मीडिया के बुरे प्रभावों पर बात करते हुए गौर गोपाल दास ने कहा कि सोशल मीडिया पर हम दूसरों की लाइफ देखते रहते हैं तो तुलना वाली भावना हो जाती है. उनके इतने लाइक्स आए, हमारे इतने कम क्यों आए. कॉम्प्लेक्स हो जाता है. सोशल मीडिया पर कोई भी अपनी वीकनेस, फेलियर वाली बातें नहीं डालता है. इसलिए मैं सभी को यही कहता हूं कि दूसरों की लाइफ को देखकर उससे भ्रमित न हों बल्कि उससे सीखकर अपनी लाइफ को बेहतर बनाएं.
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मुझे सर्वेंट बनकर रहना है: गौर गोपाल दास
गौर गोपाल दास को जब अपनी पहचान बताने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा सर्वेंट. मेरे नाम के पीछे मैं दास भी इसलिए ही लगाता हूं कि इस दुनिया में मैं सेवा करने आया हूं. उन्होंने कहा कि मुझे सर्वेंट बनकर रहना है और लोगों के जीवन को बदलना है. बचपन से ही आध्यात्म के प्रति रुचि थी, लेकिन बचपन से यह भी इच्छा थी कि विश्व के लिए जो भी करना है वह कुछ अलग करना है.