Alwar: रैणी के पहाड़ पर कीमती धातु का खजाना, केमिस्ट्री प्रोफेसर का दावा-  यहां के पत्थरों में चांदी है

Santosh Sharma

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Alwar: रैणी  के पहाड़ पर कीमती धातु का खजाना, कमेस्ट्री प्रोफेसर रामानंद का दावा-  यहां के पत्थरों में चांदी है
Alwar: रैणी  के पहाड़ पर कीमती धातु का खजाना, कमेस्ट्री प्रोफेसर रामानंद का दावा-  यहां के पत्थरों में चांदी है
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Alwar: अलवर जिले के रैणी उपखंड क्षेत्र के बीलेटा पाटन गांव के पहाड़ में चमकीला पत्थर मिलने के बाद राजर्षी कॉलेज के रसायनशास्त्र के प्रोफेसर ने रिसर्च किया है. जहां पत्थर में 82.50 फीसदी लेड धातु मिली है. जबकी सल्फर धातु 12.20 फीसदी मिली है. चांदी 0.8 फीसदी, आयरन 1.7 फीसदी, मैगनीज 0.5 फीसदी मिला है. उदयपुर से आई रिपोर्ट में चांदी का कोई जिक्र नहीं किया गया है लेकिन रसायन शास्त्री डॉ रामानंद यादव ने इस बात का दावा किया है कि इस पत्थर में चांदी भी है लेकिन चांदी होने की पुख्ता जानकारी जूलॉजिकल की टीम ही दे सकती है. क्योंकि संभावना व्यक्त की जा रही है कि कल 17 या 18 जुलाई को जूलॉजिकल की टीम इस गांव में पहुंचेगी और यहां पत्थरों के सैंपल लेकर उसका परीक्षण करेगी.

खबर सामने आने के बाद कई तरह के रूमर्स उड़ रहे हैं कि पहाड़ पर पुलिस की सुरक्षा पहरा लगा दिया है लेकिन अलवर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा का कहना है कि उनकी ओर से कोई भी सुरक्षा व्यवथा पहाड़ पर नहीं लगाई गई है. इस तरह के के कोई भी निर्देश ऊपर से नहीं मिले हैं. ना ही उन्हें चांदी या अन्य कोई धातु या पदार्थ के रूप में पत्थर पाए जाने की सरकार और अन्य किसी भी विभाग से जानकारी नहीं दी गई है. इसलिए पुलिस का कोई इंतजाम नहीं किया गया है.

सर्वे टीम करेगी जांच

जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम जल्दी ही इन धातुओं की जांच के लिए विलेटा पाटन गांव के पहाड़ में पहुंचेगी और इसकी सैंपल लेकर जांच करेगी. गौरतलब है कि इससे पूर्व अलवर की अरावली की पहाड़ियों में यूरेनियम की भी जांच चल रही है. अभी तक यूरेनियम की खोज के बारे में रिपोर्ट उजागर नहीं हो पाई है.

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कीमती धातु के प्रमाण

रसायन शास्त्री डॉ रामानंद यादव ने बताया कि शहर से 50 किलोमीटर दूर बिलेटा पाटन गांव के पहाड़ में मौजूद इन पत्थरों की लैब में जांच कराई गई तो उसमें चांदी के साथ साथ लेड जैसी कीमती धातु होने के भी प्रमाण मिले हैं. उन्होंने बताया कि गांव में चमकीले पत्थर की जानकारी उनके छात्रों ने करीब एक माह पूर्व दी थी और उसी आधार पर हुए वे गांव गए थे और वहां के पहाड़ से सैंपल लेकर आए. जिसकी जांच अलवर जिले के भिवाड़ी और उदयपुर लैब में कराई गई.

उदयपुर की रिपोर्ट आ गई

उदयपुर की रिपोर्ट आ गई है जिसमें लेड सहित कई महत्वपूर्ण खनिज मिले हैं. उन्होंने दावा किया है कि इस पहाड़ में चांदी और जस्ता की मात्रा है जबकि भिवाड़ी की रिपोर्ट आना बाकी है. गांव वालों ने बताया कि ये पत्थर आम पत्थरों से कई गुना भारी है, लेकिन इनकी चमक सबसे ज्यादा है. यहां तक कि रात को भी ये पत्थर चमक के कारण अलग दिख जाता है.

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जांच में आए चांदी के प्रमाण

जानकारी के अनुसार पत्थर में चांदी सहित कई कीमती धातु होने के कारण अब यहां पहाड़ पर ट्रैक्टर जाने बंद हो गए हैं. प्रोफेसर रामानंद ने बताया कि उन्होंने करीब महीना भर पहले ही इन पत्थरों के कुछ सैंपल लैब में भिजवाए थे. लैब से जांच में इसमें 82 परसेंट लेड मिला है. वहीं इसमें 0.80 फीसदी चांदी भी है. इसके बाद उन्होंने जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम को सूचना दी. खनिज अभियंता राजेंद्र सिंह ने बताया कि जूलॉजिकल सर्वे की टीम का विलेटा पाटन गांव पहुंच सकती है. प्रो रामानंद यादव का कहना है कि लेड के रूप में यह विषाक्त धातु है. लेड से शरीर को नुकसान हो सकता है. इसे शरीर के अंदर नहीं जाने देना चाहिए. आमजन को भी इसके पास जाने से बचना चाहिए. लेड धातु बैटरी में काम आती है.

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सोने की खाने की संभावना के बाद नई धातु की खोज?

यहां उल्लेखनीय है कि अलवर की अरावली पहाड़ियों पर काफी समय से जियोलोजोकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम में अपने सर्वे कर रही हैं, क्योंकि यहां पर सोने की खाने होने का भी संभावना व्यक्त की गई थी और उसी आधार पर वो टीमे अपने सर्वे में लगी हुई हैं. अब पहाड़ी के पत्थरों से चांदी सहित अन्य कीमती धातु निकलने के बाद एक नई खोज अलवर के लिए हो गई है. अगर यहां यह सैंपल पास होता है तो निश्चित रूप से अलवर और देश के लिए बहुत फायदेमंद होगा.

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