Barmer: चूड़ियां बेचने वाले माता-पिता के बेटे ने सपना किया साकार, पहले ही प्रयास में CRPF में बना सब इंस्पेक्टर

Dinesh Bohra

ADVERTISEMENT

Barmer: चूड़ियां बेचने वाले माता-पिता के बेटे ने सपना किया साकार, पहले ही प्रयास में CRPF में बना सब इंस्पेक्टर
Barmer: चूड़ियां बेचने वाले माता-पिता के बेटे ने सपना किया साकार, पहले ही प्रयास में CRPF में बना सब इंस्पेक्टर
social share
google news

Barmer News: बाड़मेर में एक बच्चे ने अपना और अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है. दरअसल राहुल गवारिया ने सीआरपीएफ में सब इस्पेक्टर (Sub Inspector in CRPF) का मुकाम हासिल किया. राहुल की मां घर-घर जाकर गांव-ढाणियों में चूड़ियां बेचने का काम करती हैं. बेटे राहुल की इस उपलब्धि से जहां माता-पिता की खुशी का कोई ठिकाना नहीं हैं तो दूसरी तरफ लोग अब मेहनतकश मां और बेटे दोनों की तारीफ करते नजर आ रहे है.

बाड़मेर जिले के छोटे से गांव आदर्श ढूंढा के निवासी राहुल गवारिया ने केंद्रीय कर्मचारी संगठन बोर्ड में सब इंस्पेक्टर की परीक्षा दी थी. हाल ही के दिनों में जब रिजल्ट घोषित हुआ तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. क्योंकि राहुल गवारिया ने अपने समाज में इकलौता वो शख्स है जो इस मुकाम तक पहुंचने में सफल हुआ है. इससे ताने देने वाले लोग भी ठंडे पड़ गए.

2019 में बेस्ट कैडेट्स का अवार्ड जीता

राहुल की माता कमला देवी अनपढ़ है तो पिता महज आठवीं पास है. समाज के तानों के बावजूद माता-पिता ने राहुल को पढ़ाया. बाड़मेर में कॉलेज शिक्षा के दौरान राहुल ने एनसीसी ज्वॉइन की और गणतंत्र दिवस कैंप 2019 में हिस्सा लेकर जोधपुर ग्रुप कैडेट्स में बेस्ट कैडेट्स का अवार्ड भी जीता. इसके बाद सेना में जाने की तैयारी शुरू कर दी. राहुल ने केंद्रीय कर्मचारी संगठन बोर्ड की 5 स्तरीय परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास कर लिया.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

पूरे जोधपुर संभाग में राहुल ने मारी बाजी

बाड़मेर जिला ही नहीं पूरे जोधपुर संभाग में राहुल ही अपने समुदाय का ऐसा शख्स है जो इस बार की परीक्षा में सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर बना है. अब राहुल के घर बधाई देने वालों का तांता लग रहा है तो माता-पिता के चेहरे पर एक अलग ही खुशी देखने को मिल रही है. क्योंकि माता-पिता ने बेटे को पढ़ाने के लिए ना धूप देखी ना छांव टोकरी में चूड़ियां लेकर गांव से ढाणी और फिर शहर तक चूड़ियां बेचते रहे. आखिरकार शहर में ही मणिहारी की छोटी से दुकान खोल ली.

बेटे को पढ़ाने के लिए माता-पिता सुनते थे ताने

राहुल गवारिया का कहना है कि उनके समाज में बेटे क्या और बेटियां क्या, किसी की नहीं पढ़ाते, पढ़ाई से दूर रखा जाता रहा है. लेकिन, मेरे माता -पिता ने चूड़ियां बेचकर और मजदूरी कर पढ़ाया. समाज के लोग उन्हें आए दिन ताने भी देते रहे, लेकिन उन्होंने इस बात को कभी दिल पर नहीं लिया और मुझे पढ़ा रहे. अब रिजल्ट आया है तो बहुत खुशी हुई रिजल्ट देखकर, मां-पापा भी बहुत खुश है. राहुल की माता कमला देवी के मुताबिक बेटे की पढ़ाई को लेकर उन्होंने समाज के लोगों के कई बार ताने सुने. लेकिन, अब जब बेटा अफसर बन गया है तो इस बात की बेहद खुशी है.

ADVERTISEMENT

7 लाख युवा परीक्षा में बैठे, 4300 का हुआ सलेक्शन

आपको बता दें कि 5 स्तरीय आयोजित हुई केंद्रीय कर्मचारी संगठन बोर्ड की परीक्षा में देश भर के 7 लाख युवाओं ने भाग लिया था. इसमें से एक लाख युवा ही प्री क्लियर कर पाए. इनमें से 68 हजार युवाओं को फिजिकल के लिए बुलाया गया था. फिर मुख्य परीक्षा के लिए 15 हजार युवाओं को चयनित किया गया. इसके बाद दस्तावेज जांच के बाद 12 हजार लोगों को मेडिकल के लिए बुलाया गया. अंतिम सूची 4300 युवा चयनित हुए उसमें राहुल का नाम भी शामिल था.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें:टीचर की नौकरी नहीं लगी तो शुरू की ऑर्गेनिक खेती, लाखों रुपए की हो रही कमाई, पढ़ें सफलता की कहानी

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT