Bhilwara: गांव में नहीं बन रही सड़क-नाली, युवाओं ने कीचड़ में लेटकर किया अनूठा प्रदर्शन, बोले- सरकार हमारी सुने
Bhilwara: यहां के नौजवानों ने कि गांव में पसरे कीचड़ से निजात दिलाने के लिए हर संभव कोशिश की. मगर जब सब जगह असफलता हाथ लगी तो इन्होंने कीचड़ में लेट कर अनूठा प्रदर्शन कर अपनी समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है.
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Bhilwara: बड़ी संख्या में कीचड़ पर लेटे हुए यह नौजवान किसी सामाजिक रस्म का हिस्सा नहीं है बल्कि यह विरोध है उनके गांव में सड़क और नालियां नहीं होने से फैले कीचड़ से निजात दिलाने का. जी हां हम बात कर रहे हैं राजस्थान के भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से मात्र 13 किलोमीटर दूर बसे गांव अगरपुरा की. चाहे भले ही देश के सारे कर्णधार यह कहते हो कि भारत गांवों में बसता है, मगर आजादी के 77 साल बाद भी जिला मुख्यालय से महज 13 किलोमीटर दूर एक गांव की यह तस्वीर सबको शर्मसार कर देती है.
यहां के नौजवानों ने कि गांव में पसरे कीचड़ से निजात दिलाने के लिए हर संभव कोशिश की. मगर जब सब जगह असफलता हाथ लगी तो इन्होंने कीचड़ में लेट कर अनूठा प्रदर्शन कर अपनी समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है. कीचड़ में लेटे इन युवाओं की तस्वीर केवल गांव की बदहाली नहीं बता रही है बल्कि यह हमारी व्यवस्था पर भी एक सवाल खड़ा कर रही है.
कीचड़ से होकर स्कूल जा रहे बच्चे
भीलवाड़ा शहर से कोटडी उपखंड मुख्यालय की ओर जाने वाले मार्ग पर राजकीय कृषि महाविद्यालय की तरफ जाने वाले रास्ते पर न तो सड़क है और ना नालिया है, इससे वहां कीचड़ का साम्राज्य है चाहे गांव से खेत जाना हो या खेत से गांव या फिर भीलवाड़ा शहर से गांव या फिर स्कूल जाने वाले हर एक बच्चे को इसी कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है. इस गांव के युवक नारायण भड़ाला ने कहा कि हमने सरपंच लाड़ देवी आचार्य से लेकर सभी वार्ड पंच को अपनी इस समस्या को बता चुके मगर आज तक उन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया तो फिर हमारे पास कीचड़ में लेट प्रदर्शन करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था.
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इन्होंने यह भी कहा कि अब भी किसी जन प्रतिनिधि में शर्म बची हो तो इस समस्या से निजात दिलवाए. हमें कोई राजनीति नहीं करनी है. उन्होंने कहा कि हमारी समस्या पर सरकार ध्यान दें. नारायण के साथ कीचड़ में लेट कर प्रदर्शन करने में इसी गांव के अनेक युवाओं ने साथ दिया.
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