बड़ी खबर: राजस्थान में इस वर्ष नहीं होंगे छात्रसंघ चुनाव, शिक्षा विभाग ने बताया यह कारण!

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बड़ी खबर: राजस्थान में इस वर्ष नहीं होंगे छात्रसंघ चुनाव, शिक्षा विभाग ने बताया यह कारण
बड़ी खबर: राजस्थान में इस वर्ष नहीं होंगे छात्रसंघ चुनाव, शिक्षा विभाग ने बताया यह कारण
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Rajasthan Student Union Election 2023: राजस्थान (Rajasthan University Election) में छात्रसंघ चुनावों को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. छात्रों में चुनावों को लेकर चल रहा असमंजस सरकार की ओर से जारी एक आदेश के बाद दूर हो गया है. जी हां, इस बार प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे. इसको लेकर शनिवार रात आदेश भी जारी हो गए हैं. इससे पहले सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शनिवार को ही मीडिया से बातचीत करते हुए छात्रसंघ चुनाव ना कराए जाने को लेकर संकेत भी दिए थे.

सीएम गहलोत ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए छात्रसंघ चुनावों में छात्रों द्वारा किए जाने वाले खर्चों को लेकर नाराजगी जताई थी. सीएम गहलोत ने कहा कि लिंगदोग कमेटी का उल्लंघन कर छात्र खूब पैसा खर्च करते हैं. किसी एमपी-एमएलए चुनाव की तरह पैसा बहाया जाता है.

शिक्षा नीति को लागू करना चुनौतीपूर्ण बताया 

छात्रसंघ चुनावों के संबंध में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं. जिसमें बताया गया है कि सभी संबंधित विभाग की बैठक के बाद फैसला लिया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी घटकों को लागू करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. विश्वविद्यालयों की विभिन्न परीक्षाओं के परिणामों में देरी, नए महाविद्यालयों के खोले जाने, प्रवेश प्रक्रिया में देरी के कारण न्यूनतम 180 दिवस अध्यापन कार्य करवाना चुनौतीपूर्ण हैं, साथ ही छात्रों के लिए 75% अटेंडडेंस पूरा होने भी चुनौतीपूर्ण है, ऐसे में कुलपतिगण द्वारा बताया गया कि इस सत्र में छात्रसंघ के चुनाव नहीं करवाने चाहिए.

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किस कारण से रद्द किया गया छात्रसंघ चुनाव

शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में बताया गया कि सभी कुलपतिगणों द्वारा छात्रसंघ चुनावों में धनबल और भुजबल का खुलकर प्रयोग करने और लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लघंन होने की स्थिति स्पष्ट की गई. आदेश में बताया गया कि अगर छात्रसंघ चुनाव कराए जाते तो शिक्षण कार्य प्रभावित होगा. जिसके चलते बैठक में उपस्थिति कुलपतिगणों द्वारा व्यक्त किए गए मन्तव्यों को ध्यान में रखते हुए इस बार चुनाव नहीं कराने जाने का फैसला लिया गया.

2004 से 2009 के बीच भी नहीं हुए थे चुनाव

आपको बता दें कि प्रदेश में 2004 से 2009 तक छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए गए थे. इसके बाद सीएम गहलोत ने 2010 से छात्रसंघ चुनाव करवाने को लेकर हरी झंडी दी थी. हालांकि कोरोना काल में वर्ष 2020 और 2021 में भी छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए गए थे.

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