विद्या संबल योजना के तहत नियुक्त हुए टीचर्स का धरना, कहा- कॉलेज में हमारी कोई नहीं सुनता
Vidya Sambal Yojana: शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने के लिए शुरू की गयी विद्या संबल योजना रोजगार सुरक्षा पर दिशा निर्देश के आभाव में विवाद में फंसती नजर आ रही है. राजधानी में यूनिवर्सिटी गेट पर विरोध करते हुए इस योजना के पात्र महाविद्यालयों के सहायक आचार्यों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए […]
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Vidya Sambal Yojana: शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने के लिए शुरू की गयी विद्या संबल योजना रोजगार सुरक्षा पर दिशा निर्देश के आभाव में विवाद में फंसती नजर आ रही है. राजधानी में यूनिवर्सिटी गेट पर विरोध करते हुए इस योजना के पात्र महाविद्यालयों के सहायक आचार्यों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट पर धरना देकर बैठे ये लोग विद्या संबल योजना के तहत नियुक्त सहायक आचार्यों की प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में योजना के तहत यूजीसी 2018 के अनुसार जो नियुक्ति दी गई है. उनमे रोजगार की सुरक्षा हेतु सहायक आचार्यों के लिए दिशा निर्देश के आभाव की कमी को पूरा करने के लिए अपनी 5 सूत्रीय मांगों के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गए हैं.
5 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे सहायक आचार्यों का कहना है कि हम जिन 5 मांगो को लेकर धरने पर बैठे हैं उनमे हमारी पहली मांग अल्पकालीन सेवा को मासिक आधार पर वार्षिक करने की है. हमारी दूसरी मांग विद्या सम्बल योजना के तहत यूजीसी नियमों के अनुसार योग्यताधारी शिक्षकों को नियमित रोजगार की सुरक्षा प्रदान करने की है. इसी कार्यरत सहायक आचार्य का विशेष कैडर बनाकर राजस्थान के राजकीय महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर यूजीसी 2018 के नियमानुसार शिक्षकों की नियुक्ति व वेतनमान लागू करने, योजना में स्थानांतरण, नई आर.पी.एस.सी. नियुक्ति पद स्थापन से हटाए गए सहायक आचार्य को पूर्ण रिक्त पदों पर नियुक्ति और राजस्थान सरकार द्वारा लागू संविदा कर्मी नीति 2022 के तहत राजकीय सेवा में सम्मिलित करने की है.
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सीकर से आई मीनाक्षी चौधरी का कहना है विद्या संबल योजना में आयुक्तालय द्वारा जो भी गाइडलाइन जारी की गई है वह बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं है स्पष्ट नहीं होने के कारण जो भी प्रिंसिपल है, कॉलेजों के वह हम पर तानाशाही करते हैं. हम तीन-तीन क्लास लेते हैं फिर भी हमारी एक ही क्लास शो की जाती है. यह बहुत ही बड़ी प्रॉब्लम है, हमारे सामने हम एक अतिथि के रूप में गए हैं, वहां अतिथि का मतलब वह होता है कि बहुत ही सत्कार और सम्मान के साथ शिक्षक से कार्य कराया जाता है. वह हमें ऐसा कुछ भी नहीं समझते और सब तरह के काम कराए जाते हैं फिर भी हमें पेमेंट के रूप में कुछ नहीं दिया जाता है. यह बहुत ही बड़ी तानाशाही है. हर प्रिंसिपल की तरफ से हमने बार-बार विज्ञापन दिया है. सीएम साहब को भी दिया है उच्च शिक्षा विभाग में भी दिया है, आयुक्तालय में भी दिया है पर अभी तक कोई रिस्पांस नहीं आया.
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बतादें विद्धा संबल योजना की घोषणा बजट 2021-22 के दौरान की गई थी. जिसे पिछले महीने ही शुरू किया गया है. लेकिन धरना दे रहे योजना के पात्र सहायक आचार्यो के लिहाज से देखा जाए तो रोजगार सुरक्षा की उनकी मांग सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना में उसकी मंशा पर सवाल खड़े करते हुए दिखाई दे रही है.
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