‘चार पैसे दो और काम करवा लो इसको बदलना पड़ेगा’ छात्रों के साथ संवाद में केंद्रीय वित्त मंत्री ने युवाओं को दी सीख
Rajasthan News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोटा में कहा है कि चार पैसे दो और काम करवा लो यह सोच हमें बदलनी होगी. उन्होंने छात्रों को घूस नहीं लेने की सीख देते हुए कहा कि काम तो होना ही है तो फिर चार पैसे की घुस क्यों दी जाए. उन्होंने यह बात रविवार […]
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Rajasthan News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोटा में कहा है कि चार पैसे दो और काम करवा लो यह सोच हमें बदलनी होगी. उन्होंने छात्रों को घूस नहीं लेने की सीख देते हुए कहा कि काम तो होना ही है तो फिर चार पैसे की घुस क्यों दी जाए. उन्होंने यह बात रविवार को कोटा के एलेन कोचिंग के जवाहर नगर स्थित सम्मुन्नत सभागार में छात्रों से संवाद के दौरान कही. इस दौरान उनके साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी थे और उन्होंने भी छात्रों के साथ संवाद किया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोटा मेरी नजर में ऐसा शहर है जो स्मार्ट है. जो हीरे तराशना जानता है. कोटा ने शिक्षा का महत्व समझा. देश के नामी आईआईटी और मेडिकल कॉलेज में जाने के लिए विद्यार्थियों को जो चाहिए वह कोटा देता है. उन्होंने कोटा को मिनी इंडिया बताया.
केंद्रीय वित्त मंत्री से छात्रों ने पूछे भारतीय अर्थव्यवस्था और शिक्षा से जुड़े सवाल
छात्रा महक गुप्ता ने पूछा कि बजट में डिजिटल यूनिवर्सिटी को लेकर घोषणा हुई थी उसको लेकर क्या प्रोग्रेस है. इसका जवाब देते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि डिजिटल यूनिवर्सिटी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है और इसका कार्य जारी है. इसके जरिए देश के किसी भी कोने से स्टूडेंट पढ़ाई कर सकेंगे. अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञ भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा देंगे. वहीं एक छात्रा अपाला मिश्रा ने पूछा कि मैं जब से कोटा आई हूं तब से कई बार डिमोटिवेट हो जाती हूं. लगता है सिलेक्शन नहीं होगा तो क्या करूंगी. इसके जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बड़ी बात है कि आप खड़े होकर इस बात को कह रही हैं. आप अपने लक्ष्य को लेकर चिंतित हैं. जीवन में रोज उतार-चढ़ाव आते हैं. अगर एक दिन अच्छा नहीं गया तो खुद को मोटिवेट करो कि कल बहुत अच्छा होगा. आपकी मेहनत में कोई कमी नहीं है तो सफलता आपसे दूर नहीं है.
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वित्तमंत्री ने युवा शक्ति को संबोधित करते हुए यह भी बताया कि ज्यादा पैसे कमाना या फिर विदेश में छुट्टियां मनाना गलत नहीं है. लेकिन एक बात उन लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए जो गरीब हैं या फिर देश की रक्षा के लिए बॉर्डर पर खड़े हैं. कार्यक्रम में शहीदों के बच्चों को भी सम्मानित किया गया.
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