IPL 2024: जब Rajasthan Royals के 3 खिलाड़ियों की इस गलती के कारण पूरी टीम पर लगा था IPL में बैन, पढ़ें इनसाइड स्टोरी

राजस्थान तक

ADVERTISEMENT

Rajasthantak
social share
google news

आईपीएल का 17वां सीजन अब आखिरी दौर में पहुंच चुका है. साल 2024 का एलिमिनेटर मैच आज 22 मई बुधवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा. इस मैच में राजस्थान रॉयल्स (RR) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) आमने-सामने होंगे. राजस्थान रॉयल्स के लिए दूसरी बार ट्रॉफी अपने नाम करने का मौका है. इससे पहले 1 जून 2008 के फाइनल में RR ने चैन्नई सुपर किंग्स को शिकस्त देकर IPL के पहले सीजन में ट्रॉफी अपने नाम की थी. लेकिन रॉयल्स के 3 खिलाड़ियों के साथ एक काला अध्याय भी जुड़ा हुआ है. वो अध्याय, जिसने 11 साल पहले इस जैंटलमेन गेम को शर्मसार कर दिया.  

साल 2013, इस साल आईपीएल का 7वां सीजन स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों में घिर गया. दिल्ली पुलिस ने एस श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया. ये खिलाड़ी राजस्थान रॉयल्स फ्रेंचाइजी का हिस्सा थे. इन तीनों खिलाड़ियों को प्रबंधन ने निलंबित कर दिया. लेकिन इस हाई-प्रोफाइल मामले में क्रिकेटरों के साथ-साथ तत्कालीन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक एन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को भी गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस के दावों के मुताबिक श्रीसंत और अंकित चव्हाण ने स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने की बात भी स्वीकार कर ली थी. जिसके बाद बीसीसीआई ने इन दो खिलाड़ियों पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि बाद में कोर्ट ने श्रीसंत के आजीवन प्रतिबंध को हटाकर उसकी जगह 7 साल का प्रतिबंध कर दिया. वहीं, अजित चंदीला को भी राहत देते हुए उनकी वापसी के दरवाजे खोल दिए थे.

राज कुंद्रा का भी नाम आया सामने, धोनी की टीम भी गई थी बैन

वहीं, फ्रेंचाइजी टीम के सह-मालिक राज कुंद्रा का भी नाम स्पॉट फिक्सिंग मामले में सामने आया. जिसके चलते साल 2015 में सुप्रीप कोर्ट ने राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स को दो साल के लिए निलंबित कर दिया था. बैन बहाल होने के बाद 2018 में इन दोनों टीमों की दोबारा लीग में वापसी हुई. 

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

केरल हाईकोर्ट से श्रीसंत को मिली थी बड़ी राहत

एस श्रीसंत पर लगे लाइफटाइम बैन के संबंध में केरल हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई. उच्च न्यायालय ने 2017 में पूर्व भारतीय गेंदबाज पर लगा प्रतिबंध हटा दिया और अपने फैसले में कहा कि क्रिकेटर पर लगाए गए सभी आरोप परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित थे. कोई ठोस सबूत नहीं मिलने से श्रीसंत को रणजी ट्रॉफी में अपने राज्य केरल का प्रतिनिधित्व करके प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी करने की अनुमति दी जाती हैं.

(राजस्थान तक के लिए इंटर्न कर रहे मुकेश कुमार की स्टोरी).

ADVERTISEMENT

 

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT