Mount abu : तपते राजस्थान में चाहिए Cool एडवेंचर तो आइए इस हिल स्टेशन पर, यादगार ट्रिप की है गारंटी

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तस्वीर: इंडिया टुडे.
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Rajasthan tourism mount abu: गर्मी की छुटि्टयां शुरू हो गईं है. स्कूल बंद होने के बाद बच्चे छुटि्टयां एंजॉय करने के मूड में हैं पर बरसती लू और तपती धरती के बीच कहां जाएं? ये सवाल तो सबको परेशान कर रही रहा होगा. जाहिर सी बात है कि मन में एक ही खयाल आता है. वो है उत्तराखंड और हिमाचल की वादियां. यहां भी भीड़-भाड़ और दूरी के साथ बजट आपको खटकेगा. ऐसे में दिल्ली-एनसीआर से लेकर राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के पर्यटकों के अलावा विदेशी सैलनियों के लिए राजस्थान का एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू रोमांचक हो सकता है. 

राजस्थान की ग्रीष्मकालीन राजधानी कहे जाने वाला हिल स्टेशन माउंट आबू (Mount Abu Summer Station of Rajasthan) की खूबसूरती, सनसेट, नक्की झील और ठंडी रात आपके ट्रिप को बेशक यादगार बनाएगा. इसकी नेचरल ब्यूटी को न केवल आप अपने कैमरे में कैद करेंगे बल्कि यहां के मौसम में पर्यटन के हर पल को खास बनाएंगे. यहां का शानदार वास्तुकला और राजस्थानी कल्चर इस हिल स्टेशन की शान-ओ-शौकत में चार चांद लगाते हैं. यह हिल स्टेशन हर दिन हजारों देशी- विदेशी पर्यटकों की मेहमाननवाजी करता है. 

अरावली की पहाड़ियों से घिरी है नक्की झील 

नक्की झील चारों ओर से अरावली की पहाड़ियों से घिरी है. यह पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र भी है. यदि आपकी नई-नई शादी हुई है और आप अपने पार्टनर के साथ एक रोमांटिक शाम बिताना हैं, तो ये जगह आपके लिए बेहद खूबसूरत और यादगार साबित होने वाली है. आपको अरावली की इन वादियों का लुत्फ उठाने के साथ-साथ धार्मिक और वास्तुकला का शानदार संगम भी देखने को मिलेगा. देलवाड़ा जैन मंदिर इसका एक शानदार नमूना है. इस झील के पीछे एक कहानी भी जुड़ी है. ऐसा माना जाता है कि नक्की झील को देवताओं ने अपने नाखूनों से खोदकर बनाया था. वहीं, अनेक कहानियां और सुनने को मिलती हैं.

तस्वीर: राहुल त्रिपाठी, राजस्थान तक.

भगवान शिव के पैरों के निशान अचलगढ़ किले को बनाते हैं खास

माउंट आबू में अचलगढ़ किला बेहद शानदार और आकर्षण का केंद्र है. यह किला इस हिल स्टेशन की रौनक में चार चांद लगा देता है. यहां आप प्रकृति की मनमोहक वादियों के साथ शौर्य और वीरता की यादें भी ताजा कर सकते हैं. इस किले का निर्माण राजा राणा कुंभा ने करवाया था. आपको बता दें, अचलगढ़ किला पहाड़ी पर बना है और यहां से माउंट आबू का एक-एक कोना देख सकते हैं. इस किले के अंदर अचलगढ़ महादेव मंदिर भी बना है. कहते हैं यहां भगनान शिव के पैरों के निशान भी हैं, जिसे देखने के सैकड़ों की संख्या में लोग आते हैं. राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन माउंट आबू प्रकृति, धार्मिक और वीरता का खूबसूरत संगम है. अब आप खुद सोचिए यह शानदार किला और भगवान शिव के दर्शन करके आपको कैसे लगेगा. 

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माउंट आबू का यह पॉइंट पार्टनर के साथ बन जाता हैं हनीमून पॉइंट

अगर आप अपने पार्टनर के साथ माउंट आबू की सैर पर हैं, तो यह सनसेट पॉइंट और सनराइज पॉइंट आपके लिए हनीमून पॉइंट बन जाता है. यहां आप अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक वक्त बिताने के साथ सूर्यास्त और सूर्योदय का मनमोहक नजारा देख सकते हैं. यह प्वॉइंट नक्की झील के पास है और यहां से आप माउंट आबू को एक साथ निहार सकते हैं. इनके साथ ही आपको माउंट आबू अभ्यारण, लाल मंदिर और पीस पार्क जैसे अनेक धार्मिक और खूबसूरत वास्तुकला का संगम देखने को मिलेगा.

तस्वीर: राहुल त्रिपाठी, राजस्थान तक.

ट्रैकिंग के शौकीन हैं तो आपके लिए टोड रॉक पॉइन्ट है बेहद खास 

माउंट आबू में आपको कई ऐसी चीजें देखने को मिलेंगी, जिन्हें देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे. यहां आपको मेंढक जैसा एक विशाल पत्थर नजर आएगा और इसी वजह से इसे टोड रॉक पॉइन्ट कहा जाता है. यह इस हिल स्टेशन का ये दूसरा आकर्षण का केंद्र है. आप इस टोड रॉक पॉइन्ट से पूरे माउंट आबू को एक साथ देख सकते हैं. आप ट्रैकिंग के शौकीन हैं, तो यह जगह आपके लिए बाहद खास है क्योंकि इस पॉइन्ट से नक्की झील और अरावली की वादियों का नजारा देखने के लिए थोड़ी सी चढ़ाई करनी पड़ती है.

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तस्वीर: राहुल त्रिपाठी, राजस्थान तक.

गोमुख मंदिर में गाय की प्रतिमा से बहता है पानी 

गोमुख मंदिर कई पर्यटकों की पहली पसंद है. हर महीने हजारों देशी- विदेशी पर्यटक इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं. यहां आने वाले पर्यटक गाय की प्रतिमा को देख कर आश्चर्यचकित हो जाते हैं, क्योंकि गाय की इस प्रतिमा से निरन्तर पानी निकलता रहता है. यहां आने वाले सभी पर्यटकों के जेहन में एक सवाल हमेशा रहता है कि आखिरकार यह पानी आता कहां से हैं? वहीं, इस मंदिर में स्थित संगमरमर से बनी नंदी की प्रतिमा और सर्प की विशाल प्रतिमा भक्तों के लिए आकर्षण का केन्द्र है.

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तस्वीर: राहुल त्रिपाठी, राजस्थान तक.

यह शिखर है बेहद खास, भगवान दत्तात्रेय भी रुके थे यहां? 

गुरु शिखर माउंट आबू की सबसे ऊंची चोटी है. यहां से पूरे हिल स्टेशन का नजारा एक साथ देख सकते हैं. यदि आप ट्रैकिंग का शौक रखते हैं, तो समझ लीजिए आपको खजाना ही मिल गया है. गुरु शिखर पर आप ट्रैकिंग का लुत्फ उठा सकते हैं. पहाड़ों पर संगमरमर और ग्रेनाइट भी देखने को मिलेगा. शहरों की भीड़भाड़ और दिनभर की भागदौड़ भरी लाइफ से दूर ये जगह सुकूंन भरा है. ऐसी मान्यता है कि भगवान दत्तात्रेय ने शुरूआती दिन इसी पहाड़ पर गुजारे थे. 

देलवाड़ा जैन मंदिर खूबसूरत स्थापत्य कला का है साक्षी  

माउंट आबू की खास बात यह है कि यहां आपको वास्तुकला और धार्मिक दोनों का खूबसूरत समन्वय देखने को मिलता है. उसका एक शानदार पर्याय देलवाड़ा जैन मंदिर है. देलवाड़ा जैन मंदिर को संगमरमर पर बारीक नक्काशी से सजाया गया है. यहां की खूबसूरत नक्काशी को देखना न भूलें.

माउंट आबू में कहा ठहरें 

अगर आप माउंट आबू में घूमने का प्लान बना रहे हैं , तो यहां आपको रहने के लिए सधारण से लेकर 3 स्टार रिजॉर्ट तक के बेहतरीन विकल्प मिल जाएंगे.साधारण होटल में 2 से 3 दिन रुकने का खर्च लगभग 5 से 6 हजार आता है.

कैसे पहुंचे माउंट आबू 

माउंट आबू आने के लिए बस , रेल और हवाई मार्ग का विकल्प मौजूद है. यदि आप हवाई यात्रा के शौकीन हैं तो नजदीकी एयरपोर्ट उदयपुर का डबोक एयरपोर्ट है. यह माउंट आबू से 185 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और आबू रोड रेलवे स्टेशन शहर से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जबकि माउंट आबू की कनेक्टिविटी सड़क मार्ग के जरिए जयपुर, उदयपुर , दिल्ली तक है.

इनपुट: मुकेश कुमार (इंटर्न, राजस्थान तक के लिए)

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