Rajasthan: जल-जीवन मिशन घोटाले में ED ने जब्त किया 11 करोड़ कैश और करोड़ों का सोना

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Rajasthan: जल-जीवन मिशन घोटाले में ED ने जब्त किया 11 करोड़ कैश और करोड़ों को सोना
Rajasthan: जल-जीवन मिशन घोटाले में ED ने जब्त किया 11 करोड़ कैश और करोड़ों को सोना
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ED action in Rajasthan: राजस्थान चुनाव की सरगर्मी के बीच ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने प्रदेश कई स्थानों पर रेड की कार्रवाई की है. इधर कथित जल-जीवन मिशन घोटाले में ईडी ने जलदाय विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सुबोध अग्रवाल के अलावा कई अधिकारियों के घरों और दफ्तरों में छापेमारी की. इस दौरान ईडी ने अभी तक 11.03 करोड़ कैश और साढ़े 6 करोड़ का सोना-चांदी जब्त किया है.

ईडी ने 3 नंवबर को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉउंडरी एक्ट 2002 के (PMLA) के तहत छापेमारी की. जयपुर और दौसा के अलावा अलग-अलग बैंक खातों सहित 26 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. इसमें दौसा के मानगंज में भी ED की टीम ने छापा मारा. संजय बड़ाया से भी ED पूर्व में पूछताछ कर चुकी है. बताया जा रहा है कि पीएचईडी मंत्री महेश जोशी के करीबियों के रूप में संजय बड़ाया और नमन रावत को जाना जाता है. ऐसे में दौसा में ED के 6 अधिकारी-कर्मचारी नमन रावत के घर में पहुंचे और लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान नमन रावत से पूछताछ में की गई. IAS सुबोध अग्रवाल के आवास, दफ्तर सहित 20 ठिकानों पर ईडी की टीम ने छापे की कार्रवाई की.

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ईडी के मुताबिक तलाशी अभियान के दौरान कुल 48 लाख रुपए कैश, 1.73 करोड़ का बैंक बैलेंस, 2.21 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज के साथ ही अन्य दस्तावेज मिले हैं. ईडी के अधिकारी सुबोध अग्रवाल और महेश जोशी के ओएसडी संजय अग्रवाल को जल्द ही पूछताछ के लिए दिल्ली बुला सकती है.

सुबोध अग्रवाल तक ऐसे पहुंची ईडी

ईडी ने करीब 2 महीने पहले रेड की कार्रवाई की थी. इस दौरानआईएएस सुबोध अग्रवाल का नाम सामने आया था. सुबोध जलदाय विभाग के ACS हैं. जांच के दौरान ईडी को ढाई करोड़ रुपए कैश और सोने की ईंट मिली थी.

ईडी ने पदमचंद जैन और अन्य ठेकेदारों के खिलाफ अवैध संरक्षण हासिल करने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल को मंजूरी देने और सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) से संबंधित अनुबंधों में अनियमितताओं को छिपाने के लिए लोक सेवकों को रिश्वत देने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की गई थी.

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किरोड़ी लाल मीणा ने उठाया था मामला

भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने जून में राजस्थान में जल जीवन मिशन में 20,000 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि योजना की 48 परियोजनाओं में फर्जी अनुभव प्रमाणपत्रों के आधार पर दो कंपनियों को 900 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए गए थे. मीणा ने आरोप लगाया था कि केंद्र के जल जीवन मिशन के तहत 20,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया. यह पीएचईडी मंत्री और विभाग सचिव ने मिलकर किया.

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