Rajasthan: भजनलाल सरकार में किसान के मकान की कुर्की, लोन नहीं भर पाया तो बैंक ने घर को किया सील
Rajasthan: राजस्थान में बीजेपी की सरकार आने के बाद संभवता पहला केस है, जब कोई किसान लोन नहीं चुका पाया तो उसके मकान की कुर्की कर दी गई. मामला हनुमानगढ़ जिले (Hanumangarh) के भादरा विधानसभा क्षेत्र के उप तहसील के गांव रामगढ़ की है, जहां एक किसान के मकान की बैंक द्वारा कुर्की कर ली गई, जिसके चलते मकान मालिक 'अली शेर' और उनके बच्चों को घर से बाहर निकालकर मकान पर ताला लगा दिया गया.
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Rajasthan: राजस्थान में बीजेपी की सरकार आने के बाद संभवतः पहला केस है, जब कोई किसान लोन नहीं चुका पाया तो उसके मकान की कुर्की कर दी गई. मामला हनुमानगढ़ जिले (Hanumangarh) के भादरा विधानसभा क्षेत्र के उप तहसील के गांव रामगढ़ की है, जहां एक किसान के मकान की बैंक द्वारा कुर्की कर ली गई, जिसके चलते मकान मालिक 'अली शेर' और उनके बच्चों को घर से बाहर निकालकर मकान पर ताला लगा दिया गया.
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर भादरा के पूर्व विधायक बलवान पूनिया पहुंचे.और मकान के आगे धरना पर बैठ गए. किसान अली शेर ने बैंक से कर्जा लिया हुआ था. लेकिन कोरोना काल में वह कर्ज नहीं उतर पाया. क्योंकि कोरोना समय में बड़ा घाटा लगा था. जिसके चलते किसान ने बैंक से अपील की कि वह धीरे-धीरे कर्ज उतार देगा लेकिन कर्ज नहीं उतार पाया. जिसके चलते बैंक ने अब उसके मकान की कुर्की कर ली.
ग्रामीणों में भारी रोष
इस कार्रवाई से नाराज ग्रामीण और पूर्व विधायक धरने पर बैठ गए और जिला कलेक्टर को भी इस बारे में अवगत करवाया. वहीं उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनके मकान की वापसी नहीं हो जाती तब तक उनका धरना जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार किसान हितैषी बनती है और जब किसान कर्ज नहीं उतार पाया तो उसके मकान को छीन लिया गया. ऐसे तो उद्योगपतियों का करोड़ों का कर्ज सरकार माफ कर देती है और एक किसान का थोड़ा सा कर्ज भी माफ नहीं कर पाए. वह तब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक किसान को उसका मकान वापस नहीं मिल जाता. देर रात तक उनका धरना जारी रहा.
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पूर्व विधायक बलवान पूनिया धरने पर बैठे
इस मामले को लेकर ग्रामीण व पूर्व विधायक पूरी रात धरने पर बैठे रहे और अब वह इंतजार कर रहे हैं कि प्रशासन और बैंक अधिकारी वहां पहुंचे और कुर्की वापस ले. उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि जब तक उनकी कुर्की वापस नहीं ले ली जाती उनका यह धरना जारी रहेगा और जरूरत पड़ी तो इस धरने को आंदोलन भी बनाएंगे. देखना होगा कि धरने के बाद में और जिस तरह से लोकसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में सरकार किसान का कर्ज माफ करती है या नहीं.
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