Rajasthan: पानी की टंकी पर चढ़ी महिला, बेटे के इलाज के लिए चाहिए 17 करोड़, राहुल गांधी का आश्वासन भी निकला झूठा! 

Manohar Gupta

ADVERTISEMENT

Rajasthan: पानी की टंकी पर चढ़ी महिला, बेटे के इलाज के लिए चाहिए 17 करोड़, राहुल गांधी का आश्वासन भी निकला झूठा! 
Rajasthan: पानी की टंकी पर चढ़ी महिला, बेटे के इलाज के लिए चाहिए 17 करोड़, राहुल गांधी का आश्वासन भी निकला झूठा! 
social share
google news

Rajasthan: सरकार से अपने बेटे के इलाज की मांग को लेकर गुरुवार को एक महिला पानी की टंकी पर चढ़ गई.  सूचना मिलने के बाद बड़ी संख्या में लोग वहां एकत्रित हो गए. वहीं महिला के पानी की टंकी पर चढ़ने से पुलिस प्रशासन के हाथ पैर फूल गए.

मौके पर पुलिस उपाधीक्षक संतराम मीणा, एसडीएम अंशुल सिंह, बामनवास थानाधिकारी चिकित्सालय की टीम भी पहुंची और महिला व उनके परिजनों को काफी समझाया लेकिन वह अपनी मांग पर अड़ी रही. आखिरकार करीब 6 घंटे तक चले घटनाक्रम के बाद करीब 7 बजे महिला पानी की टंकी से नीचे उतरी. 

17 करोड़ रुपए बताई जा रही है इंजेक्शन की कीमत

जानकारी के अनुसार बामनवास थाना क्षेत्र के बंदवाड़ा गांव निवासी सुनीता मीणा पत्नी समय सिंह मीणा के पुत्र अमन (18) पिछले कई सालों से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक्स ओपन-52 नामक बीमारी से पीड़ित है. जिसके कारण वह उठने-बैठने एवं चलने-फिरने में असमर्थ है. वह गंगापुर सिटी सहित जयपुर के अस्पतालों के आईसीयू में जीवन-मृत्यु के बीच झूल रहा है. उसके उपचार के लिए एक इंजेक्शन की आवश्यकता है जिसकी कीमत करीब 17 करोड़ रुपए बताई जा रही है और यह इंजेक्शन भारत में मिलता भी नहीं है, इसे विदेश से मंगवाना पड़ता है. 

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

राहुल गांधी से भी लगाई जा चुकी गुहार

पीड़िता ने बताया कि उसने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से कई बार गुहार लगाई लेकिन इलाज के लिए 17 करोड़ कीमत का इंजेक्शन अब तक उसे नहीं मिला है. महिला ने बताया कि भारत जोड़ा यात्रा के दौरान भी उसने राहुल गांधी को अपनी पीड़ा बताई थी, जब राहुल ने अपने साथ चल रहे सीएम अशोक गहलोत को महिला की सहायता के लिए कहा था लेकिन हुआ कुछ नहीं. 

तहसीलदार ने दिया आश्वासन

करीब 6 घंटे तक चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद महिला का भाई और बामनवास तहसीलदार बनवारीलाल शर्मा महिला से बात करने के लिए खुद पानी की टंकी पर चढ़े. उन्होंने महिला से बात की और बताया कि जिला कलेक्टर ने कहा है कि उसके बेटे के उपचार के लिए प्रशासन पूरी मदद करेगा. उसकी मांग के बारे में राज्य सरकार को अवगत कराया जाएगा. कलेक्टर के आश्वासन के बाद शाम करीब 7 बजे महिला टंकी से उतरी.

ADVERTISEMENT

क्या है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक्स ओपन-52?

जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बत्ती लाल मीणा के अनुसार मस्कुलर डिस्ट्रोफी एक दुर्लभ प्रकार की जैनटिक बीमारी है, जिसमें शरीर की मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है. इस बीमारी का पता जन्म के समय नहीं लग पाता है, बच्चा 6-7 साल तक सामान्य जीवन जीता है, इसके बाद धीरे-धीरे यह बीमारी अपना असर दिखाना शुरू करती है, जिससे बच्चे को पहले उठने में परेशानी आती है, फिर चलने फिरने में परेशानी होने लगती है और एक दो साल में मरीज पूरी तरह बिस्तर पर आ जाता है. उसे उठाने बैठाने में भी सहारे की जरूरत होती है. 16-17 साल तक मरीज पूरी तरह वेंटिलेटर पर निर्भर हो जाता है. इसका उपचार एक प्रकार का टीका जिसे सामान्य भाषा में इंजेक्शन कहा जाता है, जिसकी कीमत करीब 17 करोड़ रुपए है. जो विदेश से मंगवाना पड़ता है. यह इंजेक्शन भी अभी अंडर ट्रायल ही है यानि इससे मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाएगा, इसकी गारंटी नहीं है.

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT