Paper Leak: आरोपियों ने बताई ये सच्चाई! प्लान बनाने से पकड़े जाने तक की पूरी कहानी
RPSC Paper Leak: राजस्थान लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा-2022 का एक पेपर लीक होने के मामले में एक बस को पुलिस ने नाकेबंदी कर पकड़ा है. दरअसल ये सबकुछ अनायास या इत्तेफाक से नहीं हुआ बल्कि पुलिस बस का काफी समय से पीछा कर रही थी. मुखबिर से सूचना […]
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RPSC Paper Leak: राजस्थान लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा-2022 का एक पेपर लीक होने के मामले में एक बस को पुलिस ने नाकेबंदी कर पकड़ा है. दरअसल ये सबकुछ अनायास या इत्तेफाक से नहीं हुआ बल्कि पुलिस बस का काफी समय से पीछा कर रही थी. मुखबिर से सूचना मिली थी कि बस में सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी, सॉल्वर गैंग और प्रिंटर मशीन है. आरोपियों के पकड़े जाने के बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
दरअसल बस में सवार अभ्यर्थियों में से अधिकांश जालोर के रहने वाले हैं. ये एक दूसरे को रिश्तेदरियों के जरिए या कोचिंग संपर्क की वजह से जानते हैं. इस बस में कुल 44 अभ्यर्थी थे जिसमें 7 युवतियां भी हैं. इनमें से दो फेक अभ्यर्थी जो दूसरे की जगह पर परीक्षा देने वाले थे. इसके अलावा 3 पेपर सॉल्व कराने वाले और एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया है. इस बस को मुख्य आरोपी की कार स्कॉर्ट कर रही थी. पुलिस ने मुख्य आरोपी सुरेश विश्नोई को भी गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ ने आरोपी ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
परीक्षा के 15 दिन पहले शुरू हुई तैयारी
परीक्षा के 15 दिन पहले मुख्य आरोपी सुरेश बिश्नोई ने अभ्यर्थियों से संपर्क करना शुरू किया और कहा कि वो 100 फीसदी गारंटी के साथ पास करा देगा. वो पहले भी कई को टीचर और कइयों को थानेदार तक बनवा चुका है. ऐसे संपर्क कर अभ्यर्थियों तक पहुंचा और उनको पास कराने के एवज में आरोपी ने 5 लाख से 15 लाख रुपए लिए. इसमें 30-50 फीसदी एडवांस रकम ले ली.
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फिर शुरू हुआ पेपर सॉल्विंग का खेल
आरोपी सुरेश बिश्नोई ने बताया कि परीक्षा से एक दिन पहले रात में सुरेश और भूपी नाम के दो युवक पेपर लेकर आए. अभ्यर्थियों को 23 दिसंबर की दोहपर तक सभी अभ्यर्थियों को उदयपुर बुलाया गया. पूरी रात पेपर सॉल्व कराकर प्रैक्टिस कराई गई. अगले दिन भी बस में स्पीकर लगाकर बाकायदा 3 सॉल्वर सवालों के जवाब बोल-बोलकर प्रैक्टिस करा रहे थे.
बस को कार स्कॉर्ट कर रही थी
इधर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि बस में पेपर सॉल्विंग का खेल चल रहा है. बस के पीछे पुलिस लग गई. चूंकि पुलिस को इस बात की आशंका थी कि कहीं बस में अभ्यर्थी परीक्षा देने जा रहे हों और सॉल्वर गैंग जैसी कोई बात न हो तो फिर चेक करना गलत होगा. ऐसे में पुलिस इस बात की पुष्टि कर लेना चाहती थी कि बस में सॉल्वर गैंग है या नहीं और पेपर आउट जैसी कवायद हो रही है या नहीं.
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टी ब्रेक में हुआ इस बात का खुलासा
बस सिरोही में एक चाय की दुकान पर रुकी. यहां लोगों ने चाय पी. इधर सादी वर्दी में पहुंची पुलिस ने देखा कि 40 चाय का आर्डर मिला है. ऐसे में इस बात की पुष्टि हो गई कि बस में 40 से ज्यादा लोग हैं. इधर पुलिस ने बस को स्कॉर्ट कर रही कार को रोककर आरोपी को पकड़ लिया. इसके बाद बेकरिया थाने के बाहर नाकाबंदी कर बस को रुकवा लिया. बस से प्रिंटर, लेपटॉप समेत कई दस्तावेज जब्त किए गए. इसमें सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर मिला. पुलिस ने आरपीएससी की मदद से ओरिजनल पेपर से मिलान किया और 80 फीसदी तक सवाल एक जैसे पाए गए.
बस को उदयपुर पुलिस लाइन ले जाया गया
बस को पुलिस लाइन उदयपुर में लाया गया. सभी अभ्यर्थियों को पुलिस लाइन उदयपुर में बैठाया गया.पूछताछ के बाद कई अहम जानकारी मिली है. पता चला है कि मुख्य आरोपी सुरेश कुमार विश्नोई जालौर में स्कूल का प्रिंसिपल है. उसके तार कहीं न कहीं जयपुर के भूपेंद्र से भी जुड़े हुए हैं. अभी तक पूरे गिरोह का जो लीडर है उसका पर्दाफाश नहीं हुआ है.
बस का नंबर प्लेट भी फर्जी था
इस मामले में राजस्थान लोक परिवहन की बस का यूज किया गया था. घटना को अंजाम देने के लिए उस बस में जो नंबर प्लेट था वह बस की ओरिजिनल नंबर प्लेट के ऊपर लगाया गया था जो फेक था. यह भी पता चला है कि इस बस को इस काम के लिए पूरी तरह से तैयार किया गया था. इस पूरे मामले में ड्राइवर की भी संदिग्ध भूमिका सामने आने बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
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