काजू-बादाम से भी महंगा है मारवाड़ का ये मेवा, गांव-ढाणी की झोपड़ी से लेकर फाइव स्टार होटल तक है डिमांड
मेवे के रूप में दुनिया भर में खास पहचान रखने वाली केर सांगरी (sangri) प्राकृतिक गुणों से भरपूर है.
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राजस्थान (rajasthan) का दाल-बाटी-चूरमा पूरी दुनिया में फेमस है. लेकिन इसके साथ कैर सांगरी (kair-sangri) की सब्जी एक ऐसी चीज है जिसके स्वाद के लोग दीवाने हैं. इसके बिना दाल-बाटी-चूरमा का स्वाद भी अधूरा सा लगता है. कैर को मारवाड़ का मेवा (marwar ka mewa) भी कहा जाता है. स्वाद के साथ साथ यह पौष्टिकता और प्राकृतिक गुणों से भरपूर है. कैर सांगरी एक ऐसी सब्जी है जिसे गरीब की झोपड़ी से लेकर फाइव स्टार होटल तक बड़े चाव से खाया जाता है.
दरअसल, कैर और सांगरी पेड़ों पर लगनी वाली सब्जी है. कैर मटर के दानों जैसी होती है वहीं सांगरी पतली छोटी फली जैसी. हरी और सूखी दोनों प्रकार के सांगरी की सब्जी कैर को मिलाकर बनती है. दोनों हरी हों तो इनके भाव उतने नहीं होते जितने इनके सूखने के बाद होते हैं. यानी सूखने के बाद इनके भाव बढ़ जाते हैं.
काजू-बादाम से भी महंगी है ये सब्जी
एक पेड़ से औसतन 20 किलो तक सांगरी निकलती है. जब ये सूख जाती है तो इसका वेट आधे से भी कम होता है. जिससे ये काफी महंगी हो जाती है. हरी सांगरी 150-200 रुपए किलो तक और सूखी सांगरी 1000-1200 रुपए किलो तक मिलती है. वहीं हरी कैर 150-300 तक और सूखी 800 रुपए किलो तक मिलती है. दोनों को मिलाकर सब्जी बनती है. एक किलो सूखी कैर-सांगरी की सब्जी की कीमत करीब 2000-2500 रुपए तक होती है. इस हिसाब से कैर सांगरी की सब्जी काजू-बादाम से भी महंगी होती है.
कैर को छाछ में भिगोने के बाद बनाई जाती है सब्जी
स्वाद में कैर कड़वी होती है जिसे छाछ में 24-48 घंटे तक भिगोकर इसके कड़वापन को दूर किया जाता है. फिर इसे सांगरी के साथ पकाया जाता है. इसके पकाने में थोड़ा बहुत प्याज का इस्तेमाल होता है. गरम मसालों की जगह गावों में लोग सूखी कचरी का इस्तेमाल करते हैं. इससे स्वाद भी बढ़ जाता है और ये चीजें यहां के मौसम के हिसाब से शरीर को काफी फायदा भी पहुंचाती हैं.
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शादियों में मानी जाती है स्टेटस सिंबल
मारवाड़ (marwar) में हरे केर का अचार विश्व प्रसिद्ध है. यूं तो ये अचार मारवाड़ में बारह मास मिल जाएगा, मगर ऑफ सीजन में इसके भाव तेज रहते हैं. कैर सांगरी की सब्जी राजस्थान की शादियों का स्टेटस सिंबल भी है. ऐसा माना जाता है कि यदि किसी की शादी में कैर-सांगरी नहीं बनी है तो शादी का आयोजन दमदार नहीं है.
सेहत का ख़ज़ाना है कैर-सांगरी
विशेषज्ञों के मुताबिक, सांगरी की फलियों में प्राकृतिक पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इनमें भरपूर पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, जिंक, प्रोटीन और फाइबर होता है. खास बात ये है कि कैर की खेती में भी किसी प्रकार का रसायन और दवा का उपयोग नहीं होता. इस प्राकृतिक सब्जी के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है. केर और सांगरी दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर हैं.
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