Video: धनखड़ की मिमिक्री किए जाने को लेकर विवाद, इस बीच उपराष्ट्रपति का ये वीडियो वायरल

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Jadeep dhankar viral video: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jadeep dhankar viral video) इन दिनों चर्चा में हैं. सदन के बाहर मिमिक्री वाले वीडियो के बाद विपक्षी सांसदों के व्यवहार पर धनखड़ ने आपत्ति भी जाहिर कर दी है. अब उनका एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें उनके संस्कार की चर्चा हो रही है. यह वीडियो उनके उपराष्ट्रपति बनने के बाद का है. जब वह पहली बार चित्तौड़गढ़ स्थित सैनिक स्कूल पहुंचे थे. यहां उन्होंने साल 1962 से 1967 तक अपनी शिक्षा यहीं से प्राप्त की थी. हेलीकॉप्टर से चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल पहुंचे, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जिसके बाद उन्होंने विद्यालय परिसर में पौधारोपण किया.

यहां एक खास नजारा देखने को मिला. जब उपराष्ट्रपति कार्यक्रम में जाने से पहले शहर के शास्त्रीनगर में अपने स्कूल टीचर हरपाल सिंह राठी के घर पहुंचे. राठी उन्हें सैनिक स्कूल में केमिस्ट्री पढ़ाते थे. अपने प्रिय शिक्षक से लंबे समय बाद मिलने पर उपराष्ट्रपति भाव विभोर हो गए. इस दौरान उन्होंने अपने गुरु के चरण छूकर आशीर्वाद लिया.

जानें कितना पुराना है शिक्षक राठी और उपराष्ट्रपति का रिश्ता?

साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उनके फेवरेट शिक्षक ने बताया स्कूल में धनखड़ कैसे थे? दरअसल, हरपाल सिंह राठी ने उन्हें सैनिक स्कूल में वर्ष 1962 से पढ़ाना शुरू किया था और 1996 में सेवानिवृत्त हुए. उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें 1994 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. वे स्कूल के सांगा हाउस के हाउस मास्टर भी थे जहां जगदीप धनखड़ रहा करते थे. इसी कारण दोनों के बीच अत्यंत आत्मीय संबंध थे. उन दिनों को याद करते हुए हरपाल ने कहा कुछ छात्र ऐसे होते हैं, जो पहली ही नजर में आपके दिल और दिमाग में बैठ जाते हैं. जगदीप धनखड़ ऐसे ही छात्र थे. हर क्षेत्र में विलक्षण और अग्रणी, उतने ही विनम्र भी.

धनखड़ की जुबां पर आ गया जब वो रोचक किस्सा

इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने खुद एक रोचक घटना का जिक्र किया था. जिसमें उपराष्ट्रपति ने बताया कि उनके बड़े भाई कुलदीप धनखड़ भी सैनिक स्कूल में पढ़ते थे और उन्हें एक बार स्कूल से सजा मिली. साथ ही एक लैटर उनके पिता को भेजा गया. जिसमें अंग्रेजी में लिखा था, “तुम्हारे बच्चे को ऊंट की सवारी के लिए सजा दी गई है.” चूंकि गांव में अंग्रेजी किसी को आती नहीं थी, इसलिए उन लोगों ने समझ लिया कि कुलदीप को स्कूल से अवार्ड मिला है.

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यहां देखें पूरा वीडियो

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