राजस्थान में 2 दशक पुराना रिवाज बदलने के लिए सीएम गहलोत ने झोंक दी अपनी पूरी ताकत!

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चुनावी साल में सीएम गहलोत कोई कमी रखना चाहते, तभी तो अपनी योजनाओं के प्रचार के राजस्थान के कोने-कोने तक जा रहे हैं। अब एक बार फिर सीएम गहलोत मेवाड़-वागड़ के दौरे पर हैं। गहलोत आने वाले दो दिनों में चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर जिले में महंगाई राहत कैंप और प्रशासन गांवों के संग शिविरों का अवलोकन करेंगे.इस दौरान सीएम घाटोल, बागीदौरा और कुशलगढ़ विधानसभा को भी साधेंगे। गौरतलब है कि इस साल विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की निगाहें दलित और आदिवासियों समुदाय पर हैं। हालांकि ये कांग्रेस का परंपरागत वोटबैंक है लेकिन सीएम गहलोत चुनावी साल में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते। कहते हैं कि सत्ता का रास्ता मेवाड़ से होकर निकलता है। इस बात को गहलोत भी बखूबी समझते हैं, तभी तो सीएम गहलोत अपने कार्यकाल में उदयपुर संभाग के 100 से भी ज्यादा दौरे कर चुके हैं। अकेले बांसवाड़ा में ही सीएम अब तक 11 दौरे कर चुके हैं, अब ये उनका 12 वां दौरा है। और इसके पीछे कांग्रेस का मिशन आदिवासी वोटबैंक है।

यदि बात 2018 के विधानसभा चुनाव की करें तो इस क्षेत्र में कांग्रेस कमजोर रही थी, इसलिए अब आदिवासी सीटों पर कांग्रेस सबसे ज्यादा फोकस रही है। पहले कांग्रेस के सामने इन सीटों पर बीजेपी ही चुनौती खड़ी करती थी, लेकिन अब बीटीपी के रूप में एक नई चुनौती कांग्रेस के सामने खड़ी हो गई है। बीटीपी ने पिछली बार 11 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 2 सीटें जीती थी, अब इस बार संभावना है कि बीटीपी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ कर कांग्रेस को आदिवासी सीटों पर कड़ी चुनौती दे सकती है। यही वजह है कि सीएम के दौरे यहां पर बार-बार हो रहे हैं। राजस्थान में 2 दशक पुराना रिवाज बदलने के लिए सीएम गहलोत ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। रविवार को गहलोत चितौड़गढ़ के बड़ी सादड़ी पहुंचे और महंगाई राहत कैंप का अवलोकन किया। इसके बाद सीएम प्रतापगढ़ के लुहारिया गांव भी पहुंचे। साथ ही सीएम बांसवाड़ा भी पहुंचे। अब सीएम गहलोत मेवाड़ और वागड़ के जरिए कांग्रेस की सरकार रिपीट करवा पाते हैं या नहीं, ये देखना खास होगा।

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