Dausa: बिल के विरोध के बीच एक शख्स की मौत, परिजनों ने सरकार और डॉक्टर से पूछे ये सवाल
Dausa: ‘Because of whom Surendra Meena died, who will pay for the death of Jalore’s child’?
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Dausa: ‘Because of whom Surendra Meena died, who will pay for the death of Jalore’s child’?
राइट टू हेल्थ बिल का विरोध अब तो राजस्थान के मरीजों की जान पर भारी पड़ने लगा है, निजी डॉक्टर कई दिनों से हड़ताल पर हैं, बुधवार को तो सरकारी डॉक्टर भी इनके समर्थन में आ गए थे, सरकारी अस्पताल खुले जरुर थे, लेकिन इलाज के नाम पर वहां भी बस खानापूर्ति हो रही थी, इस बीच इलाज के अभाव में कई लोगों ने दम तोड़ दिया। दौसा में कालाखो के सादरिया की ढाणी के रहने वाले सुरेंद्र मीणा की कुछ दिन पहले सड़क एक्सीडेंट हो गए थे, एक्सीडेंट होने सुरेंद्र के एक पैर में फैक्चर हो गया था जिसके बाद सुरेंद्र को दौसा जिला अस्पताल भेजा गया तो वहां से डॉक्टरों ने जयपुर रेफर कर दिया सुरेंद्र के परिजनों का कहना है कि दौसा में भी सुरेंद्र को ठीक से इलाज नहीं मिला डॉक्टरों ने आनन-फानन में सुरेंद्र को जयपुर के एसएमएस अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुंच भी गए लेकिन 3 घंटे तो फॉर्मेलिटी में ही गुजर गए। रात को 1 बजे सुरेंद्र को भर्ती किया गया, लेकिन इलाज के लिए डॉक्टर ही मौजूद नहीं थे। सुबह होते-होते सुरेन्द्र की मौत हो गई। पिछले दिनों जालोर में भी तीन साल के एक मासूम बच्चे की मौत भी इलाज के अभाव मे हुई थी, यहां भी डॉक्टरों की हड़ताल थी, सरकारी अस्पताल में ठीक से इलाज नहीं मिला और बच्चे की जान चली गई। परिजन अब सरकार और डॉक्टरों से जवाब मांग रहे हैं।
Dausa: ‘Because of whom Surendra Meena died, who will pay for the death of Jalore’s child’?
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