सचिन पायलट ने 15 दिन बाद दौसा में दिया CM गहलोत के इस बयान का जवाब, जानें

राजस्थान तक

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आखिर ये इशारा किसकी तरफ था, वसुंधरा राजे का तो खुले मंच से सचिन ने नाम ले दिया, लेकिन क्या फिर से पायलट गहलोत पर भी तंज कस गए। जी हां, सचिन पायलट आज दौसा में अपने पिता राजेश पायलट की 23 वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे लेकिन मंच से उन्होंने अपने विरोधियों पर भी निशाना साध डाला। कुछ दिन पहले ही सीएम गहलोत ने कहा था कि विपक्ष कहता है कि पेपर पीड़ितों को मुआवजा दो. बताओ यह कैसा मानसिक दिवालियापन है. अब पायलट ने विपक्ष के साथ-साथ गहलोत पर भी निशाना साध डाला, विपक्ष पर पलटवार करते हुए पायलट ने कहा कि अगर हम गरीबों की मदद करें तो केंद्र के नेता कहते हैं कि खजाने का दिवाला निकल जाएगा और यहां लोग कहते हैं कि नौजवानों की मदद की तो मानसिक दिवालियापन हो जाएगा. अगर हमने कोई मांग उठाई है तो वो लोगों के लिए है. इसके बाद पायलट वसुंधरा राजे पर भी निशाना साधना नहीं भूले, पायलट ने कहा कि वो मुझसे बड़ी हैं, लेकिन मैंने कभी अपनी भाषा की मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया. मैं तो 365 दिन उनका विरोध करता हूं. खान आवंटित हुई और निरस्त हुई लेकिन खान आवंटित तो हुई थी ना और किसने की? आपको बता दें कि एक इंटरव्यू में सीएम गहलोत ने कहा था कि जो खान दी गई थी, उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. पायलट ने अपने भाषण के आखिर में भी मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा. रीट के मामले में गहलोत के बयान को दोहराते हुए पायलट ने कहा कि हर गलती की कीमत सजा मांगती है. मैं आपको वादा करना चाहता हूं कि आज नहीं तो कल सबको न्याय मिलेगा. यही बात सीएम गहलोत ने रीट पेपर धांधली के वक्त कही थी। गौरतलब है कि दौसा में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। सियासी जानकार इसे पायलट के शक्ति प्रदर्शन से भी जोड़कर देख रहे हैं. इसके अलावा ये भी चर्चा चल रही थी कि हाईकमान के फॉर्मूले पर सहमति नहीं बनी तो पायलट राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं. दौसा में आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, ममता भूपेश, मंत्री मुरारी लाल मीणा, हेमाराम चौधरी, शीश राम ओला, राजेंद्र गुढ़ा सहित कई नेता पहुंचे थे। हाल के घटनाक्रमों की वजह से इस साल सचिन पायलट को लेकर सियासत गरम है. उनकी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रार किसी से छिपी नहीं है. पार्टी में इस समय वो साइडलाइन चल रहे हैं. 2020 की बगावत के बाद पायलट से डिप्टी सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी छीन ली गई थी. अब एक बार फिर पायलट और गहलोत के बीच विवाद को सुलझाने के लिए हाईकमान ने पहल की है. संगठन ने दोनों नेताओं को बुलाकर मैराथन बैठकें भी की. बाद में गेंद हाईकमान के पाले में छोड़ दी.अब सचिन पायलट का अगला कदम क्या होगा, इस पर भी सबकी निगाहें बनी हुई हैं। पायलट को लेकर आपका क्या कुछ कहना है, कॉमेंट बॉक्स में हमें अपनी राय बता सकते हैं।

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