गहलोत के कानों तक पहुंच गई पायलट की बातें, लेकिन वो भी अशोक गहलोत हैं, क्या फर्क पड़ने वाला है!

राजस्थान तक

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Pilot’s words reached Gehlot’s ears, but he is also Ashok Gehlot, what difference is it going to make!

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सचिन पायलट रोज चीख-चीखकर एक ही बात कहते हैं.. मैं आपके लिए लड़ा था.. लड़ा हूं.. और लड़ता रहूंगा.. अब आखिरकार पायलट की ये बातें गहलोत के कानों तक पहुंच हीं गईं.. लेकिन वो भी अशोक गहलोत हैं.. उन्हें कहां पायलट की बातों से फर्क पड़ने वाला है। तभी तो सीएम साहब ने कह दिया है युवा हो.. लड़ते रहो.. एक दिन बड़ा पद जरूर मिलेगा। सुन लीजिए पायलट साहब.. अभी आप युवा हैं.. इतनी उम्र नहीं हुई कि सीएम बन जाएं… अभी तो दिल पे पत्थर रखिए और यूंही संघर्ष करते रहिए। सीएम गहलोत की मानें तो आपको जब बड़ा पद मिलने वाला होगा तो मिल हीं जाएगा। अगर सीएम की बातें नहीं समझ आईं तो एक बार फिर नजर मारिए.. क्योंकि आज तो सीएम साहब किसी साईंस टीचर की तरह पायलट को राजनीति समझा रहे थे। बहाना युवाओं का, और निशाना सचिन पायलट.. चाहे वो कोई विरोधी हो या कोई अपना, जवाब देना भी कोई गहलोत से सीखे। प्यार भरे अंदाज में गहलोत आज पायलट पर कितनी बड़ी बात बोल गए। और गहलोत की मानें तो पायलट को अभी और लड़ना होगा। राजेंद्र गुढ़ा.. भरत सिंह कुंदनपुर.. सुखजिंदर सिंह रंधवा.. और ना जाने कौन-कौन आज राजस्थान में युवा को आगे करने की बात कर रहा है। अब इसी युवा के बहाने गहलोत ने पायलट को टारगेट किया है। अब आधा जून बीत चुका है, और पायलट ने कुछ नहीं किया। ऐसा लगता है ये पहले की तरह ही पायलट के मन में उठने वाले सवाल हैं जो समय-समय पर उठते तो हैं पर आलाकमान से मिलते ही शांत हो जाते हैं। अब खबर है कि कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को एक बार फिर मना लिया है। सूत्रों की मानें तो पायलट को आलाकमान ने दो ऑफर दिए हैं। पहला ये कि वो राहुल गांधी के साथ देश भर में कांग्रेस के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष बन जाएं.. और दूसरा कि वो पहले की ही तरह राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष बन जाएं और राजस्थान में कांग्रेस की कमान संभालें। अब डोटासरा जी भी आलाकमान से कह रहे होंगे हमारी कुर्सी काहे खतरे में डाल रहे हो। फिलहाल गहलोत-पायलट की लड़ाई का अपडेट यही है कि आलाकमान ने पायलट को दो ऑफर दिए हैं, जिसपर मंथन दोनों तरफ जारी है, पायलट खेमें में भी और गहलोत गुट में भी।

बहरहाल आपको क्या लगता है.. सचिन पायलट कौन सा ऑपर स्वीकार करेंगे। और क्या ये दोनों ऑफर उससे बड़े हैं जो पायलट ने अपने मन में सोच रखा है।

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