Rajasthan: स्कूल से कैसे लीक हुआ JE का पेपर, SOG की गिरफ्त में आया मास्टरमाउंड, उगल दिए सारे राज!

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Rajasthan: राजस्थान में पेपरलीक का जिन्न एक बार फिर निकला है.. और ऐसा निकला है कि देखकर आप दंग रह जाएंगे. जी हां.. राजस्थान में पेपर लीक में अब तक कुल 24 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है लेकिन ये आंकड़ा है कि रुकने का नाम नहीं ले रहा.

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JE Paper Leak: राजस्थान में पेपरलीक का जिन्न एक बार फिर निकला है.. और ऐसा निकला है कि देखकर आप दंग रह जाएंगे. जी हां.. राजस्थान में पेपर लीक में अब तक कुल 24 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है लेकिन ये आंकड़ा है कि रुकने का नाम नहीं ले रहा. अब राजस्थान एसओजी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 बड़ी गिरफ्तारियां की हैं और पेपर लीक का एक और मास्टरमाइंड पुलिस के हत्थे चढ़ा है. 

राजस्थान में पेपर लीक के तार आखिर कहां-कहां और किस-किससे जुड़े हैं. सरगना से लेकर मास्टरमाइंड तक किस-किस जिले में अपना डेरा डाले हैं और राजस्थान में पेपर लीक ने कैसे अपनी जड़ें जमा ली हैं, आज हम आपको ये बताएंगे. 6 दिसंबर 2020 को राजस्थान में जुनियर इंजीनियर की परीक्षा होती है..जिसका पेपर लीक हो जाता है. परीक्षा के प्रश्न-पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने लगते हैं, और आखिरकार परीक्षा को रद्द कर दिया जाता है. इसके बाद मामले की जांच बैठती है. पता चलता है कि पेपर जयपुर के एक सरकारी स्कूल से लीक होता है. और लीक करने वाला भी कोई और नहीं स्कूल का ही एक टीचर राजेंद्र यादव होता है. अगर आप इस बात से हैरान हो रहे हैं तो ये भी जान लीजिए कि राजेंद्र यादव का 2021 में राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर के लिए सिलेक्शन हो जाता है. उसने श्रीगंगानगर में रहने वाले अपने अपने साथी शिवचरण मोट के साथ मिलकर जेईएन का पेपर लीक किया. बता दें कि शिवचरण मोट श्रीगंगानगर के एक सरकारी स्कूल में लाइब्रेरियन है.

लेकिन ये दोनों तो बस मोहरे थे.पेपर लीक का मेन मास्टरमाइंड कहीं और बैठा था. और वो है दौसा का एक पटवारी हर्षवर्धन मीणा.. जी हां.. हर्षवर्धन मीणा दौसा में बैठे-बैठे जयपुर में सब कुछ कंट्रोल कर रहा था. उसी के आदेश पर राजेंद्र यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक प्लान बनाया. प्लान.. परीक्षा से पहले स्ट्रांग रूम में घुसकर प्रश्न-पत्र निकालने का. और ये लोग अपने प्लान में कामयाब हो जाते हैं. और परीक्षा का पेपर कौड़ियों के भाव में सोशल मीडिया पर वायरल हो जाता है.बहरहाल इसके बाद जांच होती है.. पता चलता है पेपर लीक में कौन-कौन शामिल हैं. और हर्षवर्धन मीणा पर 50 हजार का इनाम रखा जाता है.
 

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