Charchit Chehra: हिजाब खींचने के बाद दुखी नुसरत परवीन ने लिया बड़ा फैसला, नीतीश कुमार के खिलाफ होगा कोई एक्शन?

Charchit Chehra: बिहार के सीएम नीतीश कुमार द्वारा महिला डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब खींचे जाने का मामला अब सियासी तूफान बन गया है. घटना से दुखी नुसरत ने बड़ा फैसला लिया है और नौकरी जॉइन करने से इनकार कर दिया है. वहीं विपक्ष इस्तीफे और कार्रवाई की मांग कर रहा है. चर्चित चेहरा के इस एपिसोड में जानेंगे क्या नुसरत कानूनी कदम उठाएंगी और क्या नीतीश कुमार के खिलाफ होगा कोई एक्शन?

Nitish Kumar Hijab Controversy
हिजाब खींचने से दुखी नुसरत परवीन नौकरी नहीं करेंगी जॉइन
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Charchit Chehra Nusrat Parveen: बिहार की सियासत इन दिनों एक ऐसे वीडियो को लेकर उफान पर है, जिसने सत्ता, संवेदनशीलता और संस्कार तीनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह मामला कुछ और नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एक महिला डॉक्टर नुसरत परवीन का है, जिनका हिजाब खींचने का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया. वीडियो सामने आते ही न सिर्फ विपक्ष को हमला बोलने का मौका मिल गया, बल्कि आम लोगों के बीच भी इस घटना को लेकर नाराजगी और बहस तेज हो गई है.

एक तरफ विपक्ष नीतीश से इस्तीफे की मांग कर रहा है तो दूसरी तरफ जेडीयू के सफाई पेश करने के बाद भी मामला लगातार बड़ा विवाद बन गया है, क्योंकि मामला भी किसी महिला की अस्मिता से जुड़ा है. जिस नुसरत के हिजाब को लेकर देश की सियासत गरमाई हुई है, अब उन्होंने इस पूरे मामले पर कुछ ऐसा करने की ठानी है जो बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए तगड़ा झटका साबित होगा. 

चर्चित चेहरा के इस खास एपिसोड में आज जानेंगे क्या है पूरा मामला, कौन हैं डॉक्टर नुसरत परवीन, क्या है उनका बड़ा फैसला जो बनेगा नीतीश और बिहार सरकार के लिए हानिकारक और कैसे विधानसभा में शारीरिक संबंध पर ज्ञान देने के बाद नीतीश का हिजाब हटाने वाला एक्शन बन रहा है उनके लिए बड़ी मुसीबत...

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कार्यक्रम के दौरान सीएम ने खींचा था हिजाब 

नीतीश कुमार आए दिन अपने बयानों और हरकतों के चलते चर्चा में बने रहते हैं. अब 15 दिसंबर को हुई एक घटना ने फिर से नीतीश कुमार को सुर्खियों में ला दिया है. 15 दिसंबर को पटना में 1283 आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र(Appointment Letter) देने का एक बड़ा इवेंट ऑर्गेनाइज किया गया था. मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय सहित कई बड़े नेता मौजूद थे. सब कुछ सामान्य चल रहा था, डॉक्टर एक-एक कर मंच पर आ रहे थे, अपॉइंटमेंट लेटर ले रहे थे और लौट जा रहे थे. 

फिर नंबर आया डॉ. नुसरत परवीन का और जैसे ही वो लैटर लेने आगे बढ़ी, तो नीतीश कुमार की नजर उनके हिजाब पर पड़ी. उन्होंने सवाल किया ये क्या है और इसके बाद जो हुआ, उसने पूरे कार्यक्रम का माहौल बदल दिया. मुख्यमंत्री ने नुसरत का हिजाब नीचे की ओर खींच दिया. पीछे खड़े डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. मंच पर बैठे नेता, सामने मौजूद डॉक्टर और वहां खड़े अधिकारी सब दंग रह गए. कुछ ही देर में इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो वायरल होते ही राजनीति गरमा गई. 

नुसरत की नौकरी को लेकर सस्पेंस

इस पूरे विवाद के बीच सबसे ज्यादा चर्चा नुसरत परवीन की चुप्पी और उनके हालात को लेकर हो रही है. दैनिक भास्कर में छपी एक खबर के मुताबिक, नुसरत इस घटना से बेहद आहत हैं और अपने भाई के पास कोलकाता चली गई हैं. उन्होंने कहा कि भले ही नीतीश कुमार ने जानबूझकर ऐसा न किया हो, लेकिन सबके सामने यह होना उन्हें बहुत बुरा लगा. नुसरत के भाई, जो कोलकाता की एक गवर्नमेंट लॉ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं, उन्होंने एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट eNewsroom को दिए इंटरव्यू में बताया कि नुसरत इस घटना के बाद नौकरी जॉइन करने से इनकार कर रही हैं. जबकि 20 दिसंबर को उन्हें जॉइन करना था.

नुसरत के भाई के मुताबिक पूरा परिवार उन्हें समझाने में लगा है कि गलती किसी और की थी, तो सजा तुम क्यों भुगतो? यही बात बार-बार समझाई जा रही है लेकिन नुसरत का मन अभी भी भारी है. उनके पति एक कॉलेज में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट हैं और परिवार इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रहा है. खबर तो यहां तक वायरल हो रही है कि नुसरत इस मामले में कोई कानूनी कदम भी उठा सकती हैं, जो नीतीश और बिहार सरकार के लिए बड़ा खतरा होगा.

विपक्षी पार्टियों ने घेरा

आरजेडी ने इसे महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अपमान का मामला बताया, तो वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साफ कहा कि मुख्यमंत्री जैसे पद पर बैठे व्यक्ति से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती. उन्होंने नीतीश कुमार की उम्र पर तंज कसते हुए कहा कि इस उम्र में उनके साथ कोई ऐसा हेल्पर होना चाहिए, जो समय-समय पर उन्हें समझा सके. जैसे बच्चा होता है, वैसे ही बुजुर्ग भी बच्चा हो जाता है.

वहीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी नीतीश के इस कदम पर सवाल खड़े करते हुए आलोचना की है. एक पोस्ट में महबूबा मुफ्ती ने लिखा कि वो नीतीश कुमार को निजी तौर पर जानती हैं और उनकी तारीफ भी करती रही हैं, लेकिन एक मुस्लिम महिला का सार्वजनिक रूप से नकाब खींचते देखना हैरान करने वाला है. उन्होंने सवाल उठाया क्या इसे उम्र का असर माना जाए या मुसलमानों को सार्वजनिक रूप से बेइज्जत करना अब सामान्य हो गया है? साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आसपास खड़े लोग इस घटना को जैसे तमाशा समझकर देखते रहे, यह और भी चिंताजनक है.

जदयू ने किया बचाव

वहीं दूसरी ओर जदयू इस पूरे मामले में डिफेंस मोड में नजर आई. पार्टी प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि नीतीश कुमार को किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. उन्होंने अल्पसंख्यक बेटियों के लिए जो काम किए हैं, वो किसी से छिपे नहीं हैं. बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बेटियों का सम्मान करते हैं, उन्होंने हिजाब इसलिए हटाया ताकि दुनिया एक सफल बेटी का चेहरा देख सके और यह मुख्यमंत्री का बच्ची के प्रति दुलार था.

पहले भी विवादों में रहे हैं सीएम नीतीश

वैसे यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार अपने किसी बयान या हरकत के चलते चर्चा में आए हों. इससे पहले राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी के हाथ पकड़ने की घटना, बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सेक्स ज्ञान देने पर भी खूब हंगामा मचा था, जिस पर उन्होंने सदन में बाद में माफी मांगी. उस पर हंगामा थमता उसके ठीक बाद उन्होंने जीतनराम मांझी को लेकर भी कमेंट किया था. ये सभी घटनाएं बीते समय में बहुत विवाद खड़ा कर चुकी हैं.

यहां तक कि शपथ ग्रहण के बाद पीएम मोदी के पैर छूने की कोशिश का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. अब एक बार फिर नीतीश के एक्शन का रिएक्शन जबरदस्त विवाद खड़ा कर रहा है. ऐसे में सवाल ये खड़ा हो रहा है कि एक महिला का भरी सभा में हिजाब खींचना क्या महज एक गलती थी या फिर सत्ता के लंबे अनुभव के साथ आई लापरवाही? 

यहां देखें खबर का वीडियो

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