Crime Story: शेयर मार्केट के मैडम मिंज से रिवॉल्वर रानी कैसे बनी अनुराधा चौधरी? पढ़ें पूरी कहानी

राजस्थान तक

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क्रिएटिव: अंकलेश विश्वकर्मा.
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जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी (gangster Kala Jathedi Lady Don anuradha Love Story) पैरोल पर बाहर आया. 250 पुलिस के जवान जिसमें महिला सुरक्षाकर्मी भी बड़ी तादात में थीं से पूरा शादी का मंडप घिरा था. कोर्ट से 6 घंटे की पैरोल मिली थी. 6 घंटे में काला जठेड़ी ने जिस लेडी के गले में जयमाला और मांग में सिंदूर भरा वो कोई और नहीं बल्कि राजस्थान (rajasthan crime news) में अपराध की दुनिया में रिवॉल्वर रानी के नाम से मशहूर लेड डॉन (lady don of rajasthan) अनुराधा चौधरी थी. अपने लिव-इन पार्टनर से शादी के बाद अनुराधा उसके प्यार के नाम हाथों में मेहंदी और मांग में सिंदूर सजाए लौट गई. काला जठेड़ी पुलिस की सुरक्षा में जेल की सलाखों के बीच चला गया और गैंगस्टर-माफिया का ये प्यार चर्चा में आ गया. 

कौन है अनुराधा चौधरी? क्या है इनपर आरोप? ये अपराधी कैसे बनी. सीकर की छोटी सी बच्ची 'मिंटू' कब शेयर मार्केट की मैडम मिंज बन गई. ऐसा क्या हुआ कि वो अपराध के दलदल में फंसती चली गई. कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल तक कैसे पहुंची? आनंद पाल गैंग की ब्रेन बनी और फिर संदी ऊर्फ काला जठेड़ी से कब प्यार हो गया? आइए बताते हैं अनुराधा चौधरी के बचपन से लेकर डॉन बनने की ये Story.

बचपन की मिंटू दो भाइयों से थी होनहार

राजस्थान के सीकर के फतेहपुर में अलफसर गांव की रहने वाली अनुराधा चौधरी का जन्म  पीडब्लूडी विभाग मे एईएन के पद पर काम करने वाले रामदेव महला के घर हुआ था. अनुराधा के बचपन का नाम मिंटू था. पिता  रामदेव महला पढ़ाई के लिए तीनों बच्चों को लेकर फतेहपुर के चमड़िया कॉलेनी के पास रहते थे. अपने दोनों भाइयों से होनहार मिंटू को चमड़िया स्कूल के बाद  सीकर के लक्ष्मगढ़ के मोदी कॉलेज में एडमिशन मिल गया.  उसने बीसीए जैसी प्रोफेशनल डिग्री ली. अनुराधा चौधरी ऊर्फ मिंटू का कोई नॉर्मल जॉब कर जीवन नहीं बिताना चाहती थी. 

शादी के बाद पति के साथ शेयर ट्रेडिंग करती थी

अनुराधा की शादी दीपक मिंज से हो गई. अनुराधा अपने पति दीपक के साथ सीकर में शेयर ट्रेडिंग करने लगी. पति-पत्नी ने मिलकर अच्छा पैसा कमाना शुरू कर दिया. पैसे आने लगे तो दोनों ने मिलकर लोगों के लाखों रुपए शेयर में लगवा दिए. अचानक कइयों के शेयर डूब गए और ये धंधा चौपट हो गया. लोगों का कर्ज चढ़ सो अलग. अनुराधा अचानक लाखों रुपए के कर्ज में डूब गई. कर्ज का दबाव से उसका जीना दूभर हो गया. उसने कर्ज से मुक्ति पाने के लिए अपराध जगत का सहारा लिया. कर्ज तो उतर गया पर कब वो अपराध के दलदल में फंसती चली गई पता ही नहीं चला. इधर पति दीपक मिंज ने अनुराधा का साथ छोड़ दिया और अलग हो गए. 

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कर्ज से छुटकारा पाने अनंदपाल के संपर्क में आई

कर्ज से मुक्ति पाने के लिए  हिस्ट्रीशीटर बलबीर बानूड़ा ने अनुराधा की मुलाकात गैंगस्टर आनंद पाल से कराई. अनुराधा वर्ष 2013 में पति दीपक मिंज को छोड़कर आनंदपाल गैंग में शामिल हो गई. फिर उसका जुर्म से चोली-दामन का साथ हो गया. 

आनंदपाल को सिखाया फर्राटेदार अंग्रेजी

कहते हैं कि आनंदपाल के ठेठ पहनावे को अनुराधा चौधरी ने ही बदला था. यहां तक की उसे अंग्रेजी बोलना भी सिखाया था. इधर आनंदपाल ने इसके बदले में अनुराधा को AK-47 चलाना सिखाया. सीकर के एक व्यापारी के अपहरण के मामले में पुलिस ने अनुराधा पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया. 27 जून 2006 को बहुचर्चित जीवणराम गोदारा हत्याकांड घटना के मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी के भाई इंद्रचंद के अपहरण मामले में भी पुलिस को अनुराधा की तलाश थी. 

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पेशी में भी इंग्लिश बोलने लगा आनंदपाल

आनंदपाल जींस टी-शर्ट, हैट और स्टाइलिश चश्मे में नजर आने लगा. अंग्रेजी में डॉयलॉग बोलने लगा. जेल से पेशी पर लाने के दौरान डॉन अंग्रेजी में मीडिया में बात करने लगा. फिर गैंगस्टर आनंदपाल ने अपनी पूरी लाइफ स्टाइल ही बदल डाली. इधर अनुराधा देखते ही देखते आनंदपाल गैंग का ब्रेन बन गई. फिरौती वसूली से लेकर गैंग का फाईनेंशियल मैनेजमेंट अनुराधा संभालने लगी.

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आनंदपाल का हो गया एनकाउंटर

इधर आंनदपाल का राजस्थान पुलिस ने चुरू जिले के  रतनगढ़ में एनकाउंटर कर दिया. साथी आनंदपाल की मौत के बाद मानों  अनुराधा अकेली पड़ गई. अलग-अलग मामलों के चलते जेल मे रहने के दौरान अनुराधा के सम्पर्क  काला जठेड़ी  से हुआ. लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर काला जठेड़ी से अनुराधा को प्यार हो गया और वो उसके साथ लिवइन रिलेशन में रहने लगी. जुर्म की दुनिया में वो रिवाल्वर रानी के नाम से मशहूर हो गई. अनुराधा के खिलाफ अपहरण और फिरौती के 10 मामले दर्ज हैं.

अनुराधा के भाई को हुआ आजीवन कारावास 

राजस्थान के  सीकर जिले के फतेहपुर में एडीजे कोर्ट ने राजस्थान की लेडी डॉन अनुराधा के भाई  मनीषा महला सहित अन्य दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. फतेहपुर में करीब  15 साल पुराने गणेश हिसारिया हत्याकांड में दोषी करार देते हुए अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई. फतेहपुर शेखावाटी में 27 दिसंबर, 2008 को लक्ष्मीनाथ कटले में कपड़े की दुकान चलाने वाले गणेश हिसारिया की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद गणेश हिसारिया के परिवार ने नामजद मामला दर्ज करवाया था. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था. 15 साल से मामला कोर्ट में था. 

इनपुट: राकेश गुर्जर (सीकर, राजस्थान तक)

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