महिला ने की वीडियो कॉल उठाने की गलती और देने पड़ गए करोड़ों रुपए

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झुंझुनूं के पिलानी में 57 वर्षीय महिला के पास कॉल आया और उन्होंने बताया कि वह ई़डी से बात कर रहे हैं. जिसके बाद ही उनके जिंदगी में तनाव शुरू हो गया. वीडियो कॉल में लोग बाकयदा पुलिस ड्रेस पहने लोग बैठे थे. इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि उस महिला को 7.50 करोड़ो रुपए से ज्यादा देने पड़ गए. जब उसने ये पैसे दिए तो उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई है. हैरानी की बात यह है कि यह ठगी उसके साथ 3 महीने तक चलती रही. इस वारदात के बाद पीड़ित महिला ने साइबर थाना झुंझुनूं में मामला दर्ज कराया है. आइए आपको बताते है इस पूरे मामले की कहानी...

साइबर थाना प्रभारी डीएसपी हरिराम सोनी ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पिलानी निवासी इस महिला ने रिपोर्ट दी है. दरअसल, यह मामला अक्टूबर-23 से शुरू हुआ. इन ठगों ने ईडी और मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम पर तीन महीने तक ठगी की वारदात को अंजाम दे दिया. एक निजी संस्थान में कार्यरत 57 वर्षीया महिला से ठगी की इस वारदात का खुलासा हुआ. जब महिला के पास एक फोन कॉल आया. फोन करने वालों ने बताया कि पीड़ित महिला के आधार कार्ड से एक और नंबर चालू है. उस नंबर से अवैधानिक विज्ञापन और उत्पीड़न के मैसेज किए जा रहे हैं. 

पहले दी ईडी की धमकी, फिर ठग लिए करोड़ों के रुपए

पीड़ित महिला को फोन करने वाले ने बताया कि उसके खिलाफ आईपीसी की धाराओं में मुंबई पुलिस कार्रवाई करेगी. इसके बाद पीड़िता के पास एक मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के नाम से फर्जी कॉल आया और एक व्यक्ति ने खुद को मुंबई पुलिस का एसआई बताते हुए वीडियो कॉल के जरिए मीटिंग के लिए कहा. जिसके बाद उस युवक ने पीड़िता को कहा कि आपकी मुश्किलें बढ़ गई है. क्योंकि एक मनी लॉ​न्ड्रिंग के केस में 20 लाख का लेन-देन में नाम आ गया है. 

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बैंक से लोन लेकर ठगों को दिए पैसे 

ठग ने गुमराह करते हुए कहा कि मामला अब ईडी के पास पहुंच गया है. जिसके बाद इसलिए अलग-अलग तरीके से डराकर अक्टूबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक पीड़िता के पास से 7 करोड़ 67 लाख रूपए अपने खातों में डलवा लिए. डरी सहमी पीड़िता महिला लगातार पैसे डालती रही. यही नहीं, उसे अपनी गिरफ्तारी का इतना डर हो गया कि उसने ना केवल जीवन भर के पैसे ठगों को दे दिए. बल्कि बैंकों से लोन लेकर भी 80 लाख रूपए ठगों को ही दे दिए. 

अब पुलिस कर रही जांच

ठग पीड़िता को मनी लॉन्ड्रिंग का केस सुप्रीम कोर्ट में हल होने और डिजीटल वेरिफिकेशन होने के बाद पैसा वापिस लौटाने की बात भी कहकर गुमराह करते रहे. अंतिम तारीख 12 फरवरी दी गई. लेकिन 15 फरवरी तक आरोपियों से कोई संपर्क नहीं हुआ तो महिला एकदम डर गई. तब जाकर उसने आपबीती अपने साथियों को बताई. पुलिस ने मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है. इस मामले में मुंबई निवासी संदीप राव व आकाश कुलहरि व एक अन्य के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दी गई है. मुकदमा दर्ज करवाने के बाद महिला ना तो किसी से बात कर रही है और ना ही किसी के सामने आ रही है.
 

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