kota: जिस छात्रा को CM भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री न्याय दिलाने में लगे थे उसी ने रचा था पूरा गेम!

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kota kidnapping case: कोटा (kota crime news) की एक कोचिंग में नीट की तैयारी करने वाली और वहीं गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली 21 साल की छात्रा का अपहरण हो गया. आरोपियों ने पिता को छात्रा के हाथ-पैर बंधे, काले कपड़े से मुंह बंधे और होठों और सिर पर हल्के चोट के निशान के साथ तस्वीर भेजी. 30 लाख रुपए की मांग की गई. पैसे छात्रा के ही बैंक अकाउंट में डालने की बता की गई. साथ ही वो सारी धमकियां जो किडनैपिंग के बाद दी जाती हैं. 

इधर मामला सामने आते ही पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. मध्य प्रदेश के शिवपुरी स्थित बराड़ की रहने वाली छात्रा काव्या धाकड़ के पिता ने तुरंत पुलिस थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया. चूंकि पिता को पता था कि बेटी कोटा में पढ़ रही थी. इसलिए वहीं से किडनैपिंग हुई है. मामला कोटा पुलिस के पास पहुंचा. पुलिस मामले की जांच में जुट गई. इधर बेटी की किडनैपिंग के बाद परेशान मां-पिता और रिश्तेदार पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाने लगे. 

मामले में सीएम और केंद्रीय मंत्री भी हुए इन्वॉल्व

मामले में राजस्थान के सीएम और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) भी इन्वॉल्व हो गए. इन्होंने राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा (CM bhajan lal sharma) से बात कर बेटी को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की बात कही. इधर पुलिस भी जांच में लगी रही. इसी बीच पुलिस (Rajasthan Police) को एक लीड मिली जिससे सारा मामला खुल गया. कथित रूप से किडनैप की गई छात्रा काव्या अभी तक दस्तयाब नहीं की गई है पर कहानी चौंकाने वाली सामने आई है. 

कोटा में पढ़ती ही नहीं थी छात्रा!

कोटा सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन (amrita duhan IPS) ने बताया कि छात्रा काव्या कोटा के किसी भी कोचिंग में नहीं पढ़ती थी. वो नीट की तैयारी करने के लिए अपनी मां के साथ कोटा आई जरूर थी. अगस्त में कोटा आकर उसने मां से कहा कि वो एडमिशन खुद करा लेगी. ऐसे में मां एडमिन की फीस उसके अकाउंट में डालकर वापस चली आई. इधर काव्या एक हॉस्टल में 3-4 दिन रुकी और फिर इंदौर चली गई. 

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पिता को ऐसे भ्रमित किया?

छात्रा ने एक दूसरे मोबाइल नंबर से पिता पर कोचिंग की अटेंडेंस और मार्क्स की रिपोर्ट भेजती रही ताकि उन्हें शक न हो कि वो कोटा में नहीं है. फिर सवाल ये था कि छात्रा कहां रह रही थी. ऐसे में कोटा पुलिस कड़ी से कड़ी मिलाते हुए इंदौर पहुंची और यहां इंदौर पुलिस की मदद से वो छात्रा के पूर्व परिचित हर्षित के दोस्त बृजेंद्र तक पहुंच गई. फिर क्या था कहानी परत-दर परत खुलती चली गई. 

हर्षित के कमरे पर बनी प्लानिंग?

पुलिस की मानें तो छात्रा काव्या इंदौर में हर्षित के साथ रहती थी. यहीं किडनैपिंग की साजिश रच 30 लाख रुपए लेकर विदेश जाने की प्लानिंग बनी. हर्षित को लगा कि ये सब करने पर पुलिस उस तक पहुंच जाएगी. ऐसे में उसने अपने दोस्त बृजेंद्र के कमरे पर अपना सारा सामान शिफ्ट कर अपना कमरा खाली कर दिया. बृजेंद्र के कमरे के किचन में कार्टन में रखे सामान के बीच काव्या का हाथ-पैर और मुंह बांधकर उसकी तस्वीर क्लिक की गई. वीडियो बनाए गए. फिर काव्या दोस्त हर्षित के साथ गुमराह करने के लिए बस का टिकट लिया फिर ट्रेन के जरिए जयपुर आ गई. यहां नया मोबाइल और सिम लेकर काव्या के पिता को फोटो भेजकर अपरहण की धमकी दी. इधर छात्रा के पिता अकाउंट में पैसे डालने की बजाय थाने में जाकर अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा दी. इधर पैसे नहीं मिले तोउस मोबाइल को बंद कर दिया जिससे छात्रा के पिता को फोटो और फिरौती वाली कॉल की गई थी. इधर  अकाउंट में पैसे नहीं आए तो उस मोबाइल नंबर को बंद किया गया जिससे कॉल किया गया था. 

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पिता का ये आरोप

दैनिक भास्कर में प्रकाशित पिता के बयान के मुताबिक उनका आरोप है कि छात्रा वर्ष 2022-23 बेटी इंदौर में नीट की तैयारी कर रही थी. यहां युवक रिंकू धाकड़ ने परेशान करना शुरू कर दिया. इधर पिता ने थाने में शिकायत की. थाने में उसे बुलाकर समझाइश की गई. पिता का आरोप है कि रिंकू ने ही अपने दोस्त बृजेंद्र, हर्षित को बेटी का मोबाइल नंबर दे दिया. पहले ये नंबर बंद करा दिया गया था. चूंकि इससे बैंक खाते अटैच थे इसलिए नंबर चालू करना पड़ा. यही बड़ी गलती हो गई.

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