पेपर लीक में आरोपी शेरसिंह ओडिशा में कर रहा था दिहाड़ी मजदूरी, फटे कपड़ों में देख चौंक गए अधिकारी

विशाल शर्मा

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Paper Leak Case: सेकंड ग्रेड पेपर लीक मामले में वांटेड सरकारी स्कूल के निलंबित वाइस प्रिंसिपल अनिल उर्फ शेर सिंह मीणा को राजस्थान एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन शेर सिंह की गिरफ्तारी की कहानी भी काफी चौंकाने वाली है. SOG की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी शेर सिंह मीणा पुलिस के पकड़े जाने के डर से ओडिशा के कालाहांडी जिले के भवानीपट्टनम में एक स्कूल की निर्माणाधीन बिल्डिंग में दिहाड़ी मजदूरी कर रहा था. बाकी मजदूरों के बीच फटे-मैले कपड़े पहन और दाढ़ी मूंछे बढ़ा मजदूरी करते देख एसओजी के अधिकारी भी एक बार तो चौंक गए थे.

शेर सिंह को अरेस्ट करने के लिए एसओजी के एसपी विकास सांगवान और इंस्पेक्टर मोहन पोसवाल की टीम ओडिशा के भवानीपट्टनम गांव पहुंची थी. आरोपी को चिह्नित कर टीम ने चार घंटे में शेरसिंह को पकड़ लिया. उसे गुरुवार सुबह ओडिशा से फ्लाइट के जरिए दिल्ली लेकर पहुंचे और वहां से गाड़ी से देर शाम को जयपुर लाया गया.

एसओजी की पूछताछ में हो सकता है बड़ा खुलासा
शुक्रवार को उदयपुर कोर्ट में आरोपी को पेश कर रिमांड पर लेने के बाद पेपर लेने के संबंध में पूछताछ की जाएगी. अब एसओजी आरोपी की कॉल डिटेल और लोकेशन का एनालिसिस करेगी. इससे पता लगेगा कि उसने किन लोगों को पेपर बेचे थे और फरार रहने के दौरान किन लोगों ने उसकी मदद की है.

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शेरसिंह ने भूपेंद्र सारण को 1 करोड़ में बेचा था पेपर
बता दें कि आरोपी शेरसिंह का पकड़ा जाना इसलिए भी अहम है क्योंकि उसी ने पेपर लीक के मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण को एक करोड़ रुपए में पेपर बेचा था. सारण के पकड़े जाने के बाद पहली बार शेरसिंह का नाम सामने आया था. इसके बाद मामले की जांच 3 दिन पहले ही पुलिस मुख्यालय ने उदयपुर पुलिस से एसओजी को सौंपी थी. एसओजी ने आरोपी शेरसिंह को तो गिरफ्तार कर लिया है लेकिन अभी भी पेपर लीक का मास्टरमाइंड सुरेश ढाका पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

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