Rajasthan Politics: धौलपुर में बदले चुनावी समीकरण, BJP में शामिल होगा कुशवाहा परिवार, कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका!
Rajasthan Politics: कहते हैं सियासत में जो दिखता है वह होता नहीं है और जो होता है वह दिखता नहीं है. लोकसभा चुनाव के दौरान धौलपुर की राजनीति में रविवार को सियासी उठापठक देखने को मिल सकती हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक धौलपुर की कांग्रेसी विधायक शोभारानी कुशवाहा का परिवार सैकड़ों समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल होगा.
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Rajasthan Politics: कहते हैं सियासत में जो दिखता है वह होता नहीं है और जो होता है वह दिखता नहीं है. लोकसभा चुनाव के दौरान धौलपुर की राजनीति में रविवार को सियासी उठापठक देखने को मिल सकती हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक धौलपुर की कांग्रेसी विधायक शोभारानी कुशवाहा का परिवार सैकड़ों समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल होगा.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विधायक शोभारानी कुशवाहा के देवर उपेंद्र कुशवाहा और चचिया ससुर कन्हैया लाल कुशवाहा सैकड़ों समर्थकों के साथ रविवार को बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. तो वहीं विधायक शोभारानी कुशवाहा बीजेपी में शामिल नहीं होंगी. लोकसभा चुनाव के दौरान शोभारानी कुशवाहा के परिवार को बीजेपी में शामिल होने पर राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल जाएंगे.
कुशवाहा समाज का दबदबा
कुशवाहा समाज के लोग विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिवार को नेता के रूप में देखते हैं. धौलपुर और करौली जिले मे कुशवाहा समाज के मतदाता भारी तादाद में दखल रखता है. अगर शोभारानी कुशवाहा का परिवार भाजपा में शामिल होता है, इससे बड़ा वोट बैंक बीजेपी की झोली में चले जाने की चर्चाएं हैं. धौलपुर जिले में करीब सवा लाख कुशवाहा समाज के मतदाता हैं.
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वसुंधरा सरकार में जेल गए शोभारानी के पति
साल 2013 में विधायक शोभारानी कुशवाहा के पति बनवारी लाल कुशवाहा ने धौलपुर विधानसभा सीट से बीएसपी की टिकट पर चुनाव जीता था. बनवारीलाल कुशवाहा ने कांग्रेस के पूर्व राज्य मंत्री बनवारीलाल शर्मा को शिकस्त देकर कांग्रेस से यह सीट छीनी थी. बनवारीलाल कुशवाहा के विधायक बनने के बाद नरेश हत्याकांड का मामला सुर्ख़ियों में आया. जिसके कारण बनवारी लाल कुशवाह को हत्याकांड में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा मिली.
2017 के उपचुनाव में शोभारानी बनीं विधायक
वसुंधरा सरकार में ही बनवारी लाल कुशवाह जेल चले गए थे और उसके बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने बनवारी लाल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह को बीजेपी में शामिल कर 9 अप्रैल 2017 में हुए उप चुनाव में विधायक बनाया. इसके बाद साल 2018 में हुए चुनाव में पूर्व सीएम राजे ने शोभारानी को बीजेपी की टिकट देकर दोबारा विधायक बनाया और राज्य सभा में चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर शोभारानी कुशवाहा पर्दे के पीछे से पूर्व सीएम अशोक गहलोत के साथ शामिल हो गई. तत्कालीन समय में भाजपा ने शोभारानी कुशवाहा को पार्टी से बर्खास्त कर दिया था. विधायक शोभारानी कुशवाहा कांग्रेस की बिना सदस्यता लिए हुए पर्दे के पीछे से अशोक गहलोत सरकार के साथ खड़ी रही थी.
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धौलपुर बीजेपी कार्यालय पर कार्यक्रम
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिवार के साथ सैकड़ों समर्थक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. धौलपुर बीजेपी कार्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. कार्यक्रम में लोकसभा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत समेत संगठन के अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे. शोभारानी के परिवार को बीजेपी में शामिल होने से बीजेपी को फायदा हो सकता है. विधानसभा चुनाव में शोभारानी कुशवाहा कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ी थी तो कुशवाहा समाज वोट बैंक कांग्रेस की तरफ जाने से जिले की चारों सीटों पर बीजेपी खाता नहीं खोल पाई थी.
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दल बदलने की पुरानी राजनीति रही
विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिवार की दल बदलने की पुरानी राजनीति रही हैं. बीएल कुशवाहा ने बीएसपी से चुनाव लड़ा और विधायक बने और जेल जाने के बाद इनकी पत्नी शोभारानी ने बीजेपी से दो बार चुनाव लड़ा और विधायक बनी. इसके बाद साल 2023 में शोभारानी कुशवाहा ने कांग्रेस का दामन थाम कर कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और तीसरी बार विधायक बन गई. बीजेपी से बर्खास्त होने के बाद शोभारानी कुशवाहा ने पत्र जारी कर बीजेपी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे.
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