खट्टर पर जमकर बरसे गहलोत, हरियाणा के सीएम की इस बात को बताया झूठ, जानें
Rajasthan News: ओल्ड पेंशन स्कीम के मामले पर सीएम अशोक गहलोत ने अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को आड़े हाथ लिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मीडिया के माध्यम से पता चला कि आपने सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम पर बयान दिया. जिसमें कहा कि राजस्थान ने ओल्ड पेंशन स्कीम की […]
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Rajasthan News: ओल्ड पेंशन स्कीम के मामले पर सीएम अशोक गहलोत ने अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को आड़े हाथ लिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मीडिया के माध्यम से पता चला कि आपने सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम पर बयान दिया. जिसमें कहा कि राजस्थान ने ओल्ड पेंशन स्कीम की घोषणा को वापस ले लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि आपको किसी ने गलत जानकारी दी है.
गहलोत ने ट्वीट में कहा कि आपको किसी ने गलत जानकारी दी है जिसके कारण आपने ऐसा बयान दिया, जो तथ्यात्मक नहीं है. राजस्थान में 1 अप्रैल 2022 से ओपीएस लागू कर दिया है और 2004 के बाद सेवा में आकर रिटायर हुए 621 कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया जा चुका है. आगे भी सभी कार्मिकों ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाएगा.
सीएम ने कहा कि मैं आपकी जानकारी के लिए बताना चाहूंगा कि इसी प्रकार का झूठ हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वहां विधानसभा चुनावों के दौरान बोला था. इसलिए मैंने वहां विधानसभा चुनाव के दौरान शिमला जाकर प्रेस वार्ता की और हिमाचल प्रदेश की जनता को सच से अवगत करवाया. स्टेट पेंशन जो राज्य की समेकित निधि (कंसोलिडेटेड फंड) से दी जाएगी, उन पर राज्य सरकार का कानून बनाने का अधिकार है. ऐसे में आपका यह कहना उचित नहीं है कि ओल्ड पेंशन स्कीम केन्द्र सरकार की ओर से ही दी जा सकती है.
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खट्टर के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मैं आपसे निवेदन करना चाहूंगा कि मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए हरियाणा में भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करें और केन्द्र सरकार को भी इसके लिए अपनी सिफारिश भेजें. गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने बयान दिया था कि अगर ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर दिया तो साल 2030 तक देश दिवालिया हो जाएगा. संसद के बिना अब ओल्ड पेंशन स्कीम को अब कोई लागू नहीं कर सकता है. यहां तक कि इस योजना पर राजस्थान सरकार भी पीछे हट गई है. यानी ओल्ड पेंशन स्कीम अब सिर्फ राजनीतिक घोषणा ही बची है. इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार के एक अधिकारी के मैसेज का हवाला भी दिया था.
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