बाबा रामदेव के विवादित बयान के मामले में नया मोड़, परिवादी बोला- मैंने नहीं दर्ज कराई FIR
Barmer News: राजस्थान के बाड़मेर में योगगुरु बाबा रामदेव के खिलाफ दर्ज हुए मामले में अब नया मोड़ आ गया है. एफआईआर दर्ज कराने वाले युवक का कहना हैं कि मैं बाबा रामदेव के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं चाहता हूं. ना ही मैंने किसी तरह का मामला बाबा रामदेव के खिलाफ दर्ज […]

Barmer News: राजस्थान के बाड़मेर में योगगुरु बाबा रामदेव के खिलाफ दर्ज हुए मामले में अब नया मोड़ आ गया है. एफआईआर दर्ज कराने वाले युवक का कहना हैं कि मैं बाबा रामदेव के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं चाहता हूं. ना ही मैंने किसी तरह का मामला बाबा रामदेव के खिलाफ दर्ज करवाया है. इधर राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्षा रेहाना रियाज चिश्ती ने भी बाबा रामदेव के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि दिल्ली में स्टेज से सलवार पहनकर कौन भागा था
दर्ज मामले के परिवादी पठाई खान के मुताबिक वह पढ़ा लिखा नहीं है. ऐसे में उसके वकील इलमद्दीन ने इसी बात का फायदा उठाकर उससे कुछ कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए और चौहटन थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया.
उसका एक जमीनी प्रकरण चल रहा है. जिसका वकील ईलमद्दीन हैं और उसी ने उसे झांसे में लेकर थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया है. वहीं, सोमवार को बाड़मेर दौरे पर पहुंची राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्षा रेहाना रियाज चिश्ती ने बाबा रामदेव के बयान पर जमकर कटाक्ष किया. रेहाना रियाज चिश्ती ने कहा कि हमने ऐसे संतों को भी देखा हैं जो दिल्ली में स्टेज से सलवार पहनकर भागे थे. हालांकि, यह कहते हुए उन्होंने बाबा रामदेव का नाम नहीं लिया.
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महिला आयोग अध्यक्षा चिश्ती ने कहा कि बाबा रामदेव जो बोले है, उसका वीडियो मेरे पास आया है. ये उनकी देवीय सोच हो सकती है. चिश्ती ने कहा कि जहां पुरुष के पहनावे पर कोई दिक्कत नहीं है. पुरुष साड़ी, सूट, घाघरा, सलवार और स्कर्ट कुछ भी पहन लेते है. खान पान पर भी कोई परेशानी नहीं है तो भगवान, खुदा और अल्लाह के नाम पर इस तरह से बयानबाजी कर किसी जाति, बिरादरी के लिए इस्तेमाल करना अच्छी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि पजामा और स्कर्ट पहनकर स्टेज से कूदकर भागने वाले संतों को भी हमने देखा हैं, दिल्ली में. सलवार पहनकर कौन भागा था, ये पता कीजिए. उस समय उनको पहनावे में कोई दिक्कत नहीं थी तो इस तरह की बातें करके समाज को विखंडित करने को हम लोग अच्छा नहीं मानते हैं.