रंधावा के ये दो बयान चर्चा में, कांग्रेस प्रभारी के बयान पर विवाद के बाद बीजेपी ने लिया आड़े हाथ

Vijay Chauhan

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Congress incharge randhawa: इन दिनों कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के दो बयानों की खासा चर्चा हो रही है. इसमें एक बयान तो उन्होंने भारत रत्न को लेकर दिया, जिस पर बीजेपी हमलावर हो गई है. जबकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार को लेकर भी बोल चुके हैं. जब रंधावा (sukhjinder singh randhawa) नागौर दौरे पर पहुंचे तो कांग्रेस (congress) प्रभारी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत रत्न तो मरे हुए व्यक्ति को दिया जाता है और बीजेपी ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दे दिया.

रंधावा ने पहले तो आरएसएस पर निशाना साधा और कहा कि आरएसएस पर गुजरात के सरदार पटेल ने बैन लगाया था. उन्होंने कहा कि 1955 में जनसंघ बना था, अगर इनको इतना ही राम मंदिर का था तो आडवाणी को साथ लेकर जाते, जिन्होंने रथ यात्रा शुरू की थी. उनको तो भारत रत्न दे दो, भारत रत्न तो मरे हुए को दिया जाता है.

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के इसी बयान से विवाद खड़ा हो गया है. रंधावा ने भारत रत्न जैसे सम्मान पर भी सवाल खड़ा कर दिया और यह क्या डाला कि यह तो मरे हुए लोगों को दिया जाता है. कुल मिलाकर रंधावा के इस बयान से एक विवाद जरूर खड़ा हो गया है.

रंधावा ने कल नागौर में कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान यह बात कही. इस कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी मौजूद रहे. लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने यह सम्मेलन रखा और नागौर जिले में टिकट किसे दिया जाए, इस पर चर्चा हुई.

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कांग्रेस की हार को लेकर कही ये बात

राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक बार फिर कहा कि विधानसभा चुनाव में जो बदलाव करने चाहिए थे, वो नहीं कर पाए थे. मैं ओर डोटासरा जी राजस्थान में हार की जिम्मेदारी लेते हैं, लेकिन अब आगे ठीक करेंगे. प्रदेश प्रभारी ने कहा कि हम कार्यकर्ताओं से बात कर रहे है. हम उम्मीदवार चयन में एक व्यक्ति पर निर्भर नहीं रहेंगे. दो व्यक्ति का चयन करेंगे, फिर अंतिम निर्णय होगा. रंधावा यह कह कर उन्होंने लोकसभा चुनाव पार्टी द्वारा प्रत्याशी चयन में काफी सर्तकता रखने के संकेत दिए है. जिसको लेकर सर्वे चल रहे हैं. कम समय के लिए तबादले खोलने पर डोटासरा ने कहा कि यह भ्रष्टाचार करने से पहले की सेटिंग है, ताकि तबादलों में भ्रष्टाचार कर सके. इस दौरान राजस्थान विधानसभा के प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार को 2 महीने होने आए हैं, लेकिन कोई काम नहीं किया है. हम इन्हें विपक्ष की भूमिका के तौर पर सरकार को घेरेंगे.

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