राजस्थान में 14 मुस्लिम जातियों के आरक्षण पर गहराया संकट, भजनलाल सरकार के मंत्री ने कही रिव्यू करवाने की बात

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Rajasthan: भजनलाल सरकार का बड़ा कदम, अब विवाहित महिला भी बन सकेगी आंगनबाड़ी सहायिका, मानदेय 10% भी बढ़ाया
Rajasthan: भजनलाल सरकार का बड़ा कदम, अब विवाहित महिला भी बन सकेगी आंगनबाड़ी सहायिका, मानदेय 10% भी बढ़ाया
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Rajasthan News: राजस्थान में 4 जून के बाद ओबीसी रिजर्वेशन में बड़ा बदलाव होने का संकेत मिल रहा है. दरअसल, ओबीसी आरक्षण (OBS Reservation) में शामिल 14 मुस्लिम जातियों का रिजर्वेशन लाभ (Muslim Reservation) समाप्त हो सकता है. क्योंकि राजस्थान सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत (Avinash Gehlot) ने इस बारे में शनिवार को कहा कि सरकार ने मुस्लिम समाज की 14 जातियों को ओबीसी वर्ग का कोटा काटकर जो आरक्षण दिया है, वह गलत है.
 

मंत्री अविनाश ने कहा, "राजस्थान में कांग्रेस ने 1997 से 2013 तक क्रमवार तरीके से 14 मुस्लिम जातियों को ओबीसी कैटेगरी के अंदर डाला. इस आरक्षण का सर्कुलर भी सरकार के पास मौजूद है, जिस पर आगामी दिनों में सरकार रिव्यू करवाएगी. क्योंकि भारत के संविधान में बाबा साहेब अंबेडकर ने लिखा है कि धर्म के आधार पर किसी को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. लेकिन कांग्रेस ने तुष्टीकरण की राजनीति करते हुए यह काम किया."

 

 

CM भजनलाल भी दे चुके हैं संकेत

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पहले ही लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके संकेत दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि राजस्थान में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा. जिस प्रकार से संविधान आरक्षण का प्रावधान करता है, उसी तरह आरक्षण दिया जाएगा. आरक्षण का लाभ केवल उन्हीं समुदायों को मिलेगा, जिन्हें संविधान में इसके लिए योग्य माना गया है.

राजस्थान में 91 जाति-वर्ग को मिल रहा OBS रिजर्वेशन

वर्तमान में राजस्थान के अंदर ओबीसी में 91 जाति-वर्ग शामिल हैं, जिनको आरक्षण का लाभ मिल रहा है. इनमें 14 ऐसी मुस्लिम जातियां हैं जिनको राजस्थान में आरक्षण का लाभ मिल रहा है. अब प्रदेश की भजनलाल सरकार इसका रिव्यू करवाएगी.

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